नयी दिल्ली, 30 मई (भाषा) नीति आयोग के सीईओ बीवीआर सुब्रह्मण्यम ने शुक्रवार को कहा कि भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने और लोगों को कृषि से बाहर निकालने के लिए विनिर्माण क्षेत्र में बदलाव जरूरी है।
उन्होंने उद्योग मंडल सीआईआई के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि नीति आयोग भारत के पूरे कौशल परिदृश्य के पुनर्गठन पर विचार कर रहा है।
सुब्रह्मण्यम ने कहा, ”हमें विनिर्माण में बदलाव की जरूरत है, जो लोगों को कृषि से बाहर निकालेगा… भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए विनिर्माण में बदलाव जरूरी है।”
आर्थिक समीक्षा 2023-24 के अनुसार भारत में कृषि क्षेत्र लगभग 42.3 प्रतिशत आबादी को आजीविका प्रदान करता है। चालू कीमतों पर देश के सकल घरेलू उत्पाद में इसकी हिस्सेदारी 18.2 प्रतिशत है।
उन्होंने बताया कि इस समय भारत में 90 प्रतिशत विनिर्माण गतिविधियां 5-6 राज्यों में हो रही हैं।
सुब्रह्मण्यम ने कहा, ”चीन ने खुद को वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं के केंद्र में रखा है… क्या भारत को भी वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं का केंद्र नहीं होना चाहिए।”
उन्होंने दावा किया कि भारत के सकल घरेलू उत्पाद में विनिर्माण का हिस्सा 17 प्रतिशत है। हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि भारत अगले दो दशकों में विनिर्माण क्षेत्र की हिस्सेदारी 12 प्रतिशत से बढ़ाकर 23 प्रतिशत करने की योजना बना रहा है।
सुब्रह्मण्यम ने कहा कि आज दुनिया में अनिश्चितता ने भारत के लिए बहुत बड़ा अवसर पैदा किया है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय विनिर्माण मिशन में एक व्यापक निकाय होगा, जिसके पास भारत में विनिर्माण को बढ़ाने के लिए निर्देश देने और नियंत्रण करने की शक्ति होगी।
उन्होंने कहा, ”हम इसके अंतिम चरण में हैं, शायद एक महीने के भीतर इसकी घोषणा हो जाएगी।” सीतारमण ने 2025-26 के बजट भाषण में राष्ट्रीय विनिर्माण मिशन स्थापित करने की घोषणा की थी।
भाषा पाण्डेय रमण
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