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Saturday, July 19, 2025

कुख्यात माओवादी दंपति ने तेलंगाना पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया

Newsकुख्यात माओवादी दंपति ने तेलंगाना पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया

हैदराबाद, 17 जुलाई (भाषा) प्रतिबंधित भाकपा (माओवादी) से लगभग चार दशक तक जुड़े रहने के बाद एक कुख्यात माओवादी दंपति ने बृहस्पतिवार को तेलंगाना पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। दंपति पर 20-20 लाख रुपये का नकद इनाम था।

राचकोंडा पुलिस आयुक्तालय की ओर से जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि 45 साल भूमिगत रहने के बाद माला संजीव और उसकी पत्नी दीना की मुख्यधारा में वापसी को माओवादी आंदोलन के खिलाफ तेलंगाना पुलिस की समग्र और व्यापक रणनीति के लिए एक अहम सफलता माना जा रहा है।

विज्ञप्ति के मुताबिक, भाकपा माओवादी के दो वरिष्ठ भूमिगत नेताओं— माला संजीव उर्फ अशोक (62), राज्य समिति सदस्य (एससीएम) और सचिवालय सदस्य, चैतन्य नाट्य मंच (सीएनएम), दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी (डीकेएसजेडसी), छत्तीसगढ़ और उसकी पत्नी पी पार्वती उर्फ दीना (50), राज्य समिति सदस्य, डीकेएसजेडसी— ने राचकोंडा पुलिस आयुक्त जी सुधीर बाबू की मौजूदगी में आत्मसमर्पण कर दिया।

विज्ञप्ति के अनुसार, माला और दीना तेलंगाना सरकार की ओर से चलाई जा रही विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं और मुख्यधारा में लौटे पूर्व माओवादियों को दिए गए सहयोग से आत्मसमर्पण के लिए प्रेरित हुए।

आयुक्त ने बताया कि उन्होंने अपने परिवार के साथ शांतिपूर्ण जीवन जीने की इच्छा जताई, जो उनके आत्मसमर्पण का एक कारण थी।

तेलंगाना के मेडचल-मलकजगिरी जिले का मूल निवासी माला संजीव 1980 में गुम्मादी विट्टल उर्फ ‘गद्दार’ के नेतृत्व वाली भाकपा (माले) पीपुल्स वार की जन नाट्य मंडली (जेएनएम) में शामिल हुआ था और 1986 तक इससे जुड़ा रहा था।

सुधीर बाबू ने बताया कि ‘गद्दार’ के एक प्रमुख सहयोगी के रूप में माला ने दप्पू रमेश, दया, विद्या और दिवाकर जैसे सदस्यों के साथ मिलकर लगभग 16 राज्यों में विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया, ताकि भाकपा (माले) पीपुल्स वार की विचारधारा का प्रसार किया जा सके और लोगों को आंदोलन के प्रति आकर्षित किया जा सके।

उन्होंने बताया कि 1996 में माला भाकपा (माले) पीपुल्स वार समूह की सशस्त्र शाखा, विशेष रूप से मनुगुरु दलम में शामिल हो गया, जहां उसने डिवीजन कमेटी सदस्य (डीवीसीएम) के रूप में काम किया।

सुधीर बाबू के मुताबिक, 2007 में माला ने दीना से शादी की, जो उसकी दूसरी पत्नी है। उन्होंने बताया कि भाकपा (माओवादी) के चैतन्य नाट्य मंच (सीएनएम) के बैनर तले दोनों ने दंडकारण्य के विभिन्न क्षेत्रों में आदिवासी समुदायों को भाकपा (माओवादी) के प्रति एकजुट करने के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए।

सुधीर बाबू के अनुसार, तेलंगाना के नगरकुर्नूल जिले की मूल निवासी दीना 1992 में नल्लामाला क्षेत्र में भाकपा (माले) पीपुल्स वॉर समूह के ऊपरी पठार दल में शामिल हुई।

उन्होंने बताया कि 2004 में दीना का तबादला विशाखापत्तनम जिले के गलीकोंडा एरिया दलम में एरिया कमेटी सदस्य (एसीएम) के तौर पर हुआ, जहां उसने 2007 तक काम किया। उसी साल, उसका तबादला छत्तीसगढ़ के डीकेएसजेडसी में हो गया और वह सीएनएम में शामिल हो गई।

पुलिस ने बताया कि 2018 में दीना को राज्य कमेटी सदस्य (एससीएम) के तौर पर पदोन्नत किया गया और वह डीकेएसजेडसी के तहत सीएनएम में काम करती रही।

पुलिस आयुक्त ने वरिष्ठ भूमिगत माओवादियों से मुख्यधारा में लौटने की अपील की।

सुधीर बाबू ने कहा, ‘‘हम तेलंगाना के माओवादियों से आग्रह करते हैं कि वे अपने पैतृक गांवों में लौट आएं और तेलंगाना के विकास में योगदान दें।’’

उन्होंने कहा, ‘‘तेलंगाना सरकार अपनी पुनर्वास योजनाओं और अन्य सहायता प्रणालियों के तहत मुख्यधारा में शामिल होने वाले लोगों को सभी लाभ प्रदान करेगी। सरकार उन्हें एक स्वतंत्र और सम्मानजनक जीवन जीने में मदद करने के लिए पूरी सहायता देगी।’’

भाषा पारुल सुरेश

सुरेश

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