नयी दिल्ली, 17 जुलाई (भाषा) कांग्रेस ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि बिहार में जारी मतदाता सूची की विशेष व्यापक पुनरीक्षण (एसआईआर) की प्रक्रिया सुनियोजित चाल है, जिसका मकसद बड़े पैमाने पर लोगों को मताधिकार से वंचित करके चुनावों में धांधली करना है।
पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बिहार में एक पत्रकार के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज किए जाने का हवाला देते हुए सवाल किया कि यह क्या ‘इलेक्शन कमीशन (निर्वाचन आयोग)’ है या फिर पूरी तरह भारतीय जनता पार्टी की ‘इलेक्शन चोरी’ शाखा बन चुका है।
बिहार के बेगूसराय में विशेष मतदाता पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर भ्रामक जानकारी फैलाने के आरोप में पत्रकार अजीत अंजुम के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। यह कार्रवाई उनके यूट्यूब चैनल पर 12 जुलाई को अपलोड किए गए एक वीडियो के आधार पर की गई है।
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘बिहार में चुनाव आयोग एसआईआर के नाम पर वोट चोरी करते हुए रंगे हाथ पकड़ा गया। काम सिर्फ़ चोरी, नाम एसआईआर- पर्दाफाश करने वाले पर होगी एफआईआर।’
उन्होंने सवाल किया कि क्या निर्वाचन आयोग ‘इलेक्शन कमीशन’ है या यह पूरी तरह भाजपा की ‘इलेक्शन चोरी’ शाखा बन चुका है?
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक यूट्यूब वीडियो साझा करते हुए ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘यह अशोक लवासा हैं, जो 2018 से 2020 तक चुनाव आयुक्त रहे, वह बिहार में जारी एसआईआर अभ्यास की सच्चाई उजागर कर रहे हैं।’’
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘मतदाता सूची के इस विशेष व्यापक पुनरीक्षण की प्रक्रिया एक सुनियोजित और धूर्ततापूर्ण चाल है, जिसका उद्देश्य बड़े पैमाने पर मताधिकार से वंचित करके चुनावों में धांधली करना है। जिस प्रधानमंत्री ने नोटबंदी की थी, वही अब वोटबंदी को अंजाम दे रहे हैं।’’
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने कहा कि जनता पूछ रही है क्या एसआईआर के नाम पर बिहार में ‘वोटबंदी’ लागू की जा रही है?
उन्होंने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘मीडिया में छप रही खबरों के मुताबिक, पूरी प्रक्रिया में भयंकर अनियमितताएं और फर्जीवाड़ा सामने आ रहा है। जनता में अफरा-तफरी का माहौल है और चुनाव आयोग सारे सवालों पर मौन है। ऐसे में सवाल उठना लाजिमी है कि चुनाव आयोग किसके लिए काम कर रहा है और उसका मकसद क्या है?’’
कांग्रेस नेता ने दावा किया, ‘‘याद रहे, पहले भी देश की जनता ने संविधान को कुचलने की हर कोशिश को नाकाम किया है और इस बार भी नाकाम करेगी।’’
भाषा हक
हक माधव
माधव