नयी दिल्ली, 18 जुलाई (भाषा) निर्वाचन आयोग (ईसी) ने शुक्रवार को कहा कि वह बिहार के उन मतदाताओं की सूची राजनीतिक दलों और उनके बूथ स्तर के एजेंट के साथ साझा कर रहा है, जिनकी संभवतः मृत्यु हो गई है या जो स्थायी रूप से स्थानांतरित हो गए हैं और जिन्होंने कई स्थानों पर नामांकन कराया है, ताकि 25 जुलाई से पहले ऐसे व्यक्तियों की वास्तविक स्थिति का पता लगाया जा सके।
राज्य की मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के जारी रहने के बीच, निर्वाचन आयोग ने कहा कि नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, अब तक 7.89 करोड़ मतदाताओं में से 7.48 करोड़ से अधिक (94.68 प्रतिशत) मतदाताओं तक पहुंचा जा चुका है।
इसने कहा कि शुक्रवार तक लगभग 36.87 लाख मतदाता अपने पते पर नहीं मिले, जबकि 41 लाख से अधिक या 5.2 प्रतिशत मतदाताओं ने अभी तक गणना फार्म (ईएफ) वापस नहीं किए हैं।
इसने कहा कि ऐसे मतदाताओं की सूची, जिनकी संभवत: मृत्यु हो चुकी हैं, स्थायी रूप से स्थानांतरित हो गए हैं, एक से अधिक स्थानों पर नामांकन करा चुके हैं या बूथ स्तरीय अधिकारियों (बीएलओ) के कई दौरों के बाद भी ईएफ वापस नहीं किए हैं, अब राजनीतिक दलों के जिला अध्यक्षों और उनके 1.5 लाख बूथ स्तरीय एजेंट (बीएलए) के साथ साझा की जा रही है, ताकि 25 जुलाई से पहले ऐसे प्रत्येक मतदाता की वास्तविक स्थिति का पता लगाया जा सके।
पच्चीस सितम्बर तक दावे और आपत्तियों का निपटारा करने के बाद 30 सितम्बर को अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित की जाएगी।
निर्वाचक पंजीकरण अधिकारियों (ईआरओ) के किसी भी निर्णय से असंतुष्ट कोई भी मतदाता निर्वाचन कानून के तहत जिला मजिस्ट्रेट और उसके बाद मुख्य निर्वाचन अधिकारी के समक्ष अपील कर सकता है।
भाषा
देवेंद्र पवनेश
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