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Sunday, July 20, 2025

भारत एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र, अल्पसंख्यक इस देश में सर्वाधिक सुरक्षित: किरेन रीजीजू

Newsभारत एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र, अल्पसंख्यक इस देश में सर्वाधिक सुरक्षित: किरेन रीजीजू

नयी दिल्ली, 19 जुलाई (भाषा) केंद्रीय मंत्री किरेन रीजीजू ने कहा है कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र है और अल्पसंख्यक इस देश में सर्वाधिक सुरक्षित हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि बहुसंख्यक हिंदू के कारण अल्पसंख्यकों को पूर्ण स्वतंत्रता और सुरक्षा प्राप्त है।

‘पीटीआई वीडियो’ को दिए एक साक्षात्कार में अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री ने कहा कि उन्हें ऐसा एक भी मामला नहीं मिला है जहां अल्पसंख्यक समुदाय का कोई सदस्य देश में किसी भी चीज से वंचित होने के कारण भारत से पलायन करने की इच्छा रखता हो।

उन्होंने ‘कांग्रेस पार्टी समर्थित वामपंथी पारिस्थितिकी तंत्र’ पर आरोप लगाया कि वह लगातार यह अभियान चलाने में लिप्त है कि अल्पसंख्यकों को ‘‘भारत में प्रताड़ित किया जा रहा है, उनका कत्लेआम किया जा रहा है, उनकी पीट-पीटकर हत्या की जा रही है और वे सुरक्षित नहीं हैं।’’

उन्होंने कहा कि इस तरह के बयान देश के लिए मददगार नहीं हैं।

अपने पूर्ववर्ती मुख्तार अब्बास नकवी के उस बयान के बारे में पूछे जाने पर जिसमें उन्होंने मंत्री रहते हुए कहा था कि भारत अल्पसंख्यकों के लिए स्वर्ग है, रीजीजू ने कहा कि भारत एक ऐसा देश है जहां ‘‘लोग कानून का पालन करते हैं, हम धर्मनिरपेक्ष हैं, हमारा एक संविधान है, और इसलिए चाहे बहुसंख्यक हो या अल्पसंख्यक, सभी समान हैं।’’

रीजीजू ने शुक्रवार को ‘पीटीआई-भाषा’ के मुख्यालय में कहा, ‘‘अब यह कहने के बाद, मैं स्पष्ट रूप से कह सकता हूं कि जो कुछ बहुसंख्यक समुदाय को मिलता है, अल्पसंख्यक समुदायों को भी मिलता है, लेकिन कुछ चीजें ऐसी हैं जो अल्पसंख्यकों को तो मिलती हैं, लेकिन बहुसंख्यक समुदाय को नहीं मिलतीं।’’

भाजपा के वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘‘अगर आप इतिहास को संक्षेप में देखें, तो चीनी कब्जे के कारण तिब्बत में कुछ समस्याएँ थीं और तिब्बती भारत आ गए। म्यांमा में कुछ लोकतांत्रिक आंदोलन और समस्याएं थीं और लोकतांत्रिक कार्यकर्ता भारत आए। श्रीलंका में कुछ समस्याएं थीं, श्रीलंकाई तमिल भारत आए। बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार हुआ, वे सभी भारत आए। पाकिस्तान और अफगानिस्तान से (कई लोग भारत आए)।’’

उन्होंने कहा, ‘‘आखिरकार वे सभी भारत में शरण लेना चाहते हैं क्योंकि उन्हें भारत के संविधान और भारत के लोगों पर भरोसा है। इसीलिए वे यहां आते हैं।’’

उन्होंने कहा कि कांग्रेस के सत्ता में रहने के दौरान हुई छिटपुट घटनाओं और दंगों को छोड़कर, आमतौर पर ‘‘अल्पसंख्यक भारत में सर्वाधिक सुरक्षित हैं।’’

उन्होंने कहा कि इसके बावजूद पिछले 11 वर्षों से लगातार यह अभियान चलाया जा रहा है कि भारत में अल्पसंख्यक सुरक्षित नहीं हैं। रीजीजू ने आश्चर्य जताते हुए पूछा कि भारत को इस अभियान से क्या मदद मिल रही है।

रीजीजू ने कहा, ‘‘मैं एक अल्पसंख्यक समुदाय से हूं। मुझे खुले तौर पर यह स्वीकार करना होगा कि पुरानी जनगणना के अनुसार बहुसंख्यक हिंदू लगभग 78 से 79 प्रतिशत हैं। अगर आप नई जनगणना देखें, तो यह प्रतिशत कम हो सकता है, लेकिन मुझे अभी इसकी जानकारी नहीं है। लेकिन हिंदू बहुसंख्यकों की वजह से, सभी अल्पसंख्यक इस देश में पूर्ण स्वतंत्रता और सुरक्षा का आनंद ले रहे हैं।’’

मंत्री ने कहा, ‘‘कल्पना कीजिए कि अगर मैं पाकिस्तान में होता। कल्पना कीजिए कि अगर विभाजन के दौरान हम बांग्लादेश का हिस्सा बन जाते, तो आज हम शरणार्थी होते। आज हर आदिवासी समुदाय, हर अल्पसंख्यक समुदाय अपनी मातृभूमि में सुरक्षित है क्योंकि बहुसंख्यक हिंदू समुदाय स्वभाव से धर्मनिरपेक्ष और स्वभाव से सहिष्णु है।’’

उन्होंने कहा कि यही कारण है कि भारत हर अल्पसंख्यक समुदाय के लिए एक पसंदीदा जगह है और इसकी सराहना की जानी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘अगर आप वास्तविकता को नहीं समझते, तो आप देश के साथ सबसे बड़ा अन्याय कर रहे हैं।’’

क्या मुसलमान भी भारत में उतने ही सुरक्षित महसूस करते हैं, इस सवाल पर रीजीजू ने कहा, ‘‘मैंने देखा है कि कुछ हिंदू कह रहे हैं कि उन्हें देश के कुछ मुस्लिम बहुल इलाकों से खतरा महसूस हो रहा है। हो सकता है कि कुछ व्यक्तिगत घटनाएं हुई हों, हो सकता है कि कुछ हिंदू कह रहे हों कि (इस इलाके में) मुस्लिम बहुलता है इसलिए हमें खतरा महसूस हो रहा है। लेकिन मुझे लगता है कि किसी को भी खतरा महसूस नहीं होना चाहिए और अगर कोई दूसरे समुदाय को धमका रहा है तो राज्य सरकार को कार्रवाई करनी चाहिए।’’

उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत में सभी समान हैं और सभी सुरक्षित हैं।

मंत्री ने कहा कि जो कोई भी यह कह रहा है कि वे भारत में असुरक्षित हैं, वह एक राष्ट्र के रूप में भारत का सबसे बड़ा नुकसान कर रहा है।

उन्होंने बताया कि अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय के तहत भारत सरकार की सभी योजनाएं देश के हर हिस्से में सभी के लिए लागू हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘अल्पसंख्यक मामलों का मंत्रालय केवल अल्पसंख्यक समुदायों के लिए ही नीतियां लागू करता है और कौशल विकास करता है। अल्पसंख्यक समुदाय कहीं से भी लाभ प्राप्त करने की किसी भी संभावना से वंचित नहीं हैं। यह सभी के लिए समान है।’’

उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक मामलों का मंत्रालय भारत में सभी छह अधिसूचित अल्पसंख्यक समुदायों को ‘गैप फंडिंग’ (तात्कालिक वित्तीय दायित्व को पूरा करने के उद्देश्य से अल्पकालिक धनराशि की उपलब्धता) के रूप में पर्याप्त सहायता प्रणाली प्रदान करता है।

इस महीने की शुरुआत में रीजीजू और ‘ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन’ (एआईएमआईएम) अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी के बीच जुबानी जंग छिड़ गई थी। ओवैसी ने भाजपा नेता पर उनके इस बयान के लिए निशाना साधा था कि भारत एकमात्र ऐसा देश है जहां अल्पसंख्यकों को बहुसंख्यक समुदाय की तुलना में अधिक लाभ और सुरक्षा मिलती है।

भाषा संतोष रंजन

रंजन

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