(विलियम बार्टर, यूकेआरआई फ्यूचर लीडर्स फेलो, एडिनबर्ग विश्वविद्यालय)
एडिनबर्ग (ब्रिटेन), 19 जुलाई (द कन्वरसेशन) बिग बैंग के कुछ ही क्षणों बाद ब्रह्मांड ने खुद को नष्ट क्यों नहीं कर लिया? यूरोपीय परमाणु अनुसंधान परिषद (सर्न) की ओर से फ्रांस-स्विट्जरलैंड सीमा पर स्थापित ‘लार्ज हैड्रॉन कोलाइडर’ में एक नयी खोज हमें इस मूलभूत प्रश्न के उत्तर के और करीब ले आई है कि प्रतिपदार्थ पर पदार्थ क्यों हावी होता है।
हम रोजमर्रा की जिंदगी में जो कुछ भी देखते हैं, वह ज्यादातर पदार्थ से बना होता है। लेकिन प्रतिपदार्थ बहुत कम मात्रा में पाया जाता है।
पदार्थ और प्रतिपदार्थ लगभग एक-दूसरे के बिल्कुल विपरीत हैं। पदार्थ के कणों का एक प्रतिपदार्थ प्रतिरूप होता है जिसका द्रव्यमान समान होता है, लेकिन विद्युत आवेश विपरीत होता है। उदाहरण के लिए, पदार्थ का प्रोटॉन कण प्रतिपदार्थ के प्रतिप्रोटॉन से जुड़ा होता है, जबकि पदार्थ का इलेक्ट्रॉन प्रतिपदार्थ के पॉज़िट्रॉन से जुड़ा होता है।
हालांकि, पदार्थ और प्रतिपदार्थ के बीच व्यवहार में समरूपता पूर्ण नहीं है।
नेचर पत्रिका में इस सप्ताह प्रकाशित एक शोधपत्र में, सर्न में एलएचसीबी नामक एक प्रयोग पर काम कर रही टीम ने बताया है कि उन्होंने पदार्थ के कणों, जिन्हें बारियोन कहा जाता है, के क्षय की दर और प्रतिपदार्थ के उनके विपरीत कणों के क्षय की दर में अंतर पाया है।
एलएचसीबी का मतलब ‘लार्ज हैड्रॉन कोलाइडर ब्यूटी’ है। यह सर्न द्वारा स्थापित लार्ज हैड्रॉन कोलाइडर (एलएचसी) के चार प्रमुख प्रयोगों में से एक है।
कण भौतिकी में, क्षय उस प्रक्रिया को कहते हैं जिसमें अस्थिर उप परमाण्विक कण दो या अधिक हल्के, अधिक स्थिर कणों में परिवर्तित हो जाते हैं।
ब्रह्मांड संबंधी मॉडलों के अनुसार, बिग बैंग में पदार्थ और प्रतिपदार्थ बराबर मात्रा में बने थे।
यदि पदार्थ और प्रतिपदार्थ कण संपर्क में आते हैं, तो वे एक-दूसरे का विनाश कर देते हैं और पीछे शुद्ध ऊर्जा छोड़ जाते हैं। इसे ध्यान में रखते हुए, यह आश्चर्य की बात है कि ब्रह्मांड केवल इस प्रक्रिया से बची हुई ऊर्जा से ही नहीं बना है।
हालांकि, खगोलीय प्रेक्षणों से पता चलता है कि ब्रह्मांड में पदार्थ की तुलना में अब प्रतिपदार्थ की मात्रा नगण्य है। इसलिए हम जानते हैं कि पदार्थ और प्रतिपदार्थ का व्यवहार अलग-अलग होना चाहिए, जैसे कि प्रतिपदार्थ गायब हो गया है जबकि पदार्थ नहीं।
नये कणों का खुलासा
पदार्थ और प्रतिपदार्थ के बीच अंतर का अत्यधिक सटीक मापन अनुसंधान का एक प्रमुख विषय है क्योंकि इनमें इन नए मूलभूत कणों से प्रभावित होने और उन्हें प्रकट करने की क्षमता होती है, जिससे हमें उस भौतिकी की खोज करने में मदद मिलती है जिसके कारण आज हम जिस ब्रह्मांड में रहते हैं, उसका निर्माण हुआ।
पदार्थ और प्रतिपदार्थ के बीच अंतर पहले एक अन्य प्रकार के कण, मेसॉन, जो क्वार्क और प्रतिक्वार्क से बने होते हैं, के व्यवहार में देखा जा चुका है।
एलएचसीबी से प्राप्त नये मापन में बारियोन और एंटीबारियोन के बीच अंतर पाया गया है, जो क्रमशः तीन क्वार्क और तीन एंटीक्वार्क से बने होते हैं।
लार्ज हैड्रॉन कोलाइडर में एलएचसीबी प्रयोग को पदार्थ और प्रतिपदार्थ के व्यवहार में अंतर का अत्यधिक सटीक माप करने के लिए डिजाइन किया गया है।
हालांकि एलएचसीबी से प्राप्त नया माप भी इस सिद्धांत के अनुरूप है, यह एक बड़ा कदम है। अब हम ब्रह्मांड के ज्ञात पदार्थ पर हावी कणों के समूह में पदार्थ और प्रतिपदार्थ के व्यवहार में अंतर देख चुके हैं।
यह प्रक्रिया इसे समझने की दिशा में एक संभावित कदम है कि बिग बैंग के बाद वह स्थिति क्यों उत्पन्न हुई।
एलएचसीबी के वर्तमान और आगामी डेटा रन के साथ हम इन अंतरों का फोरेंसिक अध्ययन करने में सक्षम होंगे, और, हम आशा करते हैं, कि हम मौजूद नये मौलिक कणों के किसी भी संकेत का पता लगा पाएंगे।
(द कन्वरसेशन) सुभाष संतोष
संतोष