पटना, 19 जुलाई (भाषा) बिहार के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी) कुंदन कृष्णन ने राज्य में अपराध की घटनाओं में हालिया वृद्धि को फसली मौसम से जोड़ने वाली अपनी टिप्पणी के लिए शनिवार को माफी मांगी।
एडीजी (कानून एवं व्यवस्था) ने एक संक्षिप्त वीडियो संदेश में कहा कि उनके मन में ‘कृषि से जुड़े लोगों के प्रति बहुत सम्मान है।’’ उन्होंने इस विवाद के लिए अपनी टिप्पणी को ‘तोड़ मरोड़ कर’ प्रस्तुत करने को जिम्मेदार ठहराया।
वर्ष 1994 बैच के आईपीएस अधिकारी कृष्णन ने अपने दो मिनट से भी कम समय के संदेश की शुरुआत ‘किसान भाइयों को नमस्कार’ से करते हुए कहा, ‘‘हाल ही में एक संवाददाता सम्मेलन में मेरे बयान के एक हिस्से को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया। मेरा यह कहने का कभी इरादा नहीं था कि हमारे अन्नदाता किसानों का अपराध से कोई लेना-देना है।’’
कृष्णन ने कहा, ‘‘मैं किसानों का बहुत सम्मान करता हूं, मेरे पूर्वज कृषि व्यवसाय से जुड़े रहे हैं। मैं अपनी जड़ों से गहरा जुड़ाव रखता हूं, जिसका एक हिस्सा कृषक समुदाय भी है। फिर भी, यदि मेरे बयान से किसी की भावनाएं आहत हुई हैं, तो मैं क्षमा चाहता हूं।’’
उन्होंने इस सप्ताह की शुरुआत में पूर्ववर्ती वर्षों के आंकड़ों का उल्लेख करते हुए कहा था, ‘‘बिहार में फसल के केवल दो प्रमुख मौसम होते हैं। चूंकि अप्रैल और जून के बीच फसल का मौसम नहीं होता, इसलिए ज्यादातर कृषि श्रमिक इस दौरान बेरोजगार रहते हैं। नतीजतन, भूमि से जुड़ी झड़पें बढ़ जाती हैं। उनमें से कुछ, खासकर युवा, जल्दी पैसे कमाने के लिए सुपारी लेकर हत्याएं भी करते हैं।’’
बहरहाल, राज्य में विपक्ष ने इस बयान पर कड़ी आपत्ति जताते हुए आरोप लगाया कि बिहार की नीतीश कुमार सरकार अपराध पर नियंत्रण रखने में अपनी विफलता के लिए बहाने बनाने की कोशिश कर रही है।
भाषा अमित पवनेश
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