श्रीनगर, 19 जुलाई (भाषा) चालू वित्तवर्ष की पहली तिमाही में कश्मीर से हस्तनिर्मित उत्पादों का निर्यात 300 करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर गया, जो पिछले चार वर्षों में सबसे अधिक है। एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी।
हस्तशिल्प एवं हथकरघा विभाग, कश्मीर के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘कश्मीर के प्रसिद्ध शिल्प क्षेत्र को एक बड़ा बढ़ावा देते हुए, चालू वित्तवर्ष की पहली तिमाही में विभिन्न विदेशी गंतव्यों को 309.62 करोड़ रुपये के हस्तनिर्मित उत्पादों का निर्यात किया गया है – जो पिछले वर्ष की इसी तिमाही के 126.90 करोड़ रुपये से कहीं अधिक है।’’
अधिकारी ने कहा कि यह पिछले चार वर्षों में पहली तिमाही के दौरान होने वाला सबसे अधिक निर्यात है।
विभाग चालू वित्त वर्ष के दौरान 1,500 करोड़ रुपये से अधिक के शिल्प निर्यात का लक्ष्य बना रहा है।
अधिकारी ने कहा, ‘‘विदेशी गंतव्यों को शिल्प उत्पादों के बढ़ते निर्यात से कश्मीर के प्रसिद्ध कारीगरों और बुनकरों का कल्याण सुनिश्चित होता है।’’
पिछले वर्ष, 733.59 करोड़ रुपये मूल्य के शिल्प उत्पादों का निर्यात किया गया था, जो विभिन्न वैश्विक संघर्षों के कारण काफी हद तक प्रभावित हुए थे।
अधिकारी ने आगे कहा, ‘‘कनी, सोज़नी शॉल और हाथ से बुने कालीन निर्यात में अग्रणी बने हुए हैं, जबकि निर्यात किए जाने वाले अन्य उत्पादों में क्रूएल, पेपर माचे, चेन स्टिच और लकड़ी की नक्काशी वाली वस्तुएं शामिल हैं।’’
अधिकारी ने निर्यातकों से सरकार द्वारा अधिसूचित निर्यात सब्सिडी योजना का लाभ उठाने का आग्रह किया।
कारीगर समुदाय के कल्याण के लिए सरकार की रणनीति पर प्रकाश डालते हुए, अधिकारी ने कहा कि विभाग का यहां भारतीय कालीन प्रौद्योगिकी संस्थान में एक डिजाइन स्टूडियो है और स्कूल ऑफ डिजाइंस एंड क्राफ्ट डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट द्वारा परिकल्पित अनूठे प्रोटोटाइप हैं।
अधिकारी ने कहा, ‘‘हम व्यावसायिक अंशधारकों से आग्रह करते हैं कि वे उच्च-स्तरीय वैश्विक बाजारों में अपने उत्पादों का मूल्यवर्धन करने के लिए इन डिजाइनों और पैकेजिंग मॉडलों का उपयोग करें।’’
भाषा राजेश राजेश पाण्डेय
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