नयी दिल्ली, 20 जुलाई (भाषा)माल एवं सेवा कर (जीएसटी) अधिकारियों ने चालू वित्त वर्ष की पहली (अप्रैल-जून) तिमाही में 15,851 करोड़ रुपये के फर्जी इनपुट कर क्रेडिट (आईटीसी) दावों का पता लगाया है। यह पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि की तुलना में 29 प्रतिशत अधिक है। हालांकि, जाली कंपनियों की संख्या में सालाना आधार पर कमी आई है।
वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही के दौरान केंद्रीय और राज्य जीएसटी अधिकारियों द्वारा पकड़ी गई फर्जी कंपनियों की कुल संख्या 3,558 रही, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही के आंकड़े 3,840 से कम है।
गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत की अध्यक्षता में राज्यों के वित्त मंत्रियों की एक समिति वर्तमान में विशिष्ट क्षेत्रों में कर चोरी का अध्ययन कर रही है और आईटीसी धोखाधड़ी को रोकने के तरीकों पर विचार कर रही है।
एक अधिकारी ने कहा, ‘‘औसतन, हर महीने लगभग 1,200 फर्जी कंपनियां पकड़ में आ रही हैं। अप्रैल-जून की अवधि में फर्जी कंपनियों की संख्या पिछले साल की समान अवधि की तुलना में कम है, जो दर्शाता है कि फर्जी जीएसटी पंजीकरण के खिलाफ अभियान कारगर रहा है।
चालू वित्त वर्ष की जून तिमाही के दौरान केंद्रीय और राज्य जीएसटी अधिकारियों द्वारा पकड़ी गई फर्जी कंपनियों और आईटीसी धोखाधड़ी के आंकड़ों के अनुसार, 3,558 फर्जी फर्मों से जुड़े 15,851 करोड़ रुपये का आईटीसी धोखाधड़ी से लिया गया। इस अवधि के दौरान, जीएसटी अधिकारियों ने 53 लोगों को गिरफ्तार किया और 659 करोड़ रुपये बरामद किए गए।
वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में, जीएसटी अधिकारियों ने 3,840 फर्जी कंपनियों से जुड़े 12,304 करोड़ रुपये के फर्जी आईटीसी का पता लगाया था। 549 करोड़ रुपये बरामद किए गए थे और 26 लोगों को गिरफ्तार किया गया था।
जीएसटी व्यवस्था के तहत, आईटीसी कंपनियों द्वारा आपूर्तिकर्ताओं से खरीदारी पर चुकाए गए करों से है। कर देयता का भुगतान करते समय इस कर का दावा क्रेडिट या कटौती के रूप में किया जा सकता है।
फर्जी आईटीसी से निपटना जीएसटी प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती रही है क्योंकि बेईमान तत्व केवल आईटीसी का दावा करने और सरकारी खजाने को चूना लगाने के लिए फर्जी कंपनियां बना लेते हैं।
वर्ष 2024-25 के दौरान, जीएसटी अधिकारियों ने 61,545 करोड़ रुपये की आईटीसी धोखाधड़ी में शामिल 25,009 फर्जी कंपनियों का पता लगाया था।
जीएसटी अधिकारियों ने माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के तहत फर्जी पंजीकरण के खिलाफ दो अखिल भारतीय अभियान चलाए हैं।
16 मई, 2023 से 15 जुलाई, 2023 के बीच फर्जी पंजीकरण के खिलाफ पहले अभियान में, जीएसटी पंजीकरण वाली कुल 21,791 इकाइयों का अस्तित्व नहीं मिला था। पहले विशेष अभियान के दौरान 24,010 करोड़ रुपये की संदिग्ध कर चोरी का पता चला था।
इसी तरह 16 अप्रैल से 30 अक्टूबर, 2024 के बीच दूसरे अभियान में, जीएसटी अधिकारियों ने जीएसटी के तहत पंजीकृत लगभग 18,000 फर्जी कंपनियों का पता लगाया, जो लगभग 25,000 करोड़ रुपये की कर चोरी में शामिल रही हैं।
भाषा अजय
अजय
अजय