नयी दिल्ली, 20 जुलाई (भाषा) सोने का भाव इस सप्ताह एक सीमित दायरे में रहेगा। विश्लेषकों का मानना है कि निवेशक वैश्विक व्यापार वार्ता के नतीजों का इंतजार कर रहे हैं और उन्हें अमेरिका के वृहद आर्थिक आंकड़ों तथा फेडरल रिजर्व के संकेतकों का भी इंतजार है, ऐसे में सोने की कीमतों में बहुत उतार-चढ़ाव की संभावना नहीं है।
कारोबारी फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पावेल के संबोधन और अमेरिका, ब्रिटेन तथा यूरो क्षेत्र सहित प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के वैश्विक खरीद प्रबंधक सूचकांक (पीएमआई) के आंकड़ों पर भी कड़ी नजर रखेंगे।
उन्होंने कहा कि सर्राफा कीमतों की दिशा जानने के लिए यूरोपीय केंद्रीय बैंक के ब्याज दर संबंधी फैसले पर भी सभी की निगाह रहेगी।
जेएम फाइनेंशियल सर्विसेज के उपाध्यक्ष, ईबीजी – जिंस एवं मुद्रा शोध प्रणव मेर ने कहा कि आने वाले सप्ताह में व्यापार वार्ता के नतीजों, अमेरिकी केंद्रीय बैंक के अधिकारियों की टिप्पणियों, अमेरिका के वृहद आर्थिक आंकड़ों पर सभी की निगाह रहेगी। इसमें आवास बाजार, साप्ताहिक बेरोजगारी दावे और टिकाऊ वस्तुओं के ऑर्डर शामिल हैं।
मेर ने कहा, ‘‘नए उत्प्रेरकों की कमी और इस अवधि में अमेरिकी डॉलर में सुधार के बीच पिछले कुछ सप्ताह में सोने की कीमतें एक दायरे में स्थिर होती दिख रही हैं।’’ उन्होंने आगे कहा कि अमेरिका और उसके व्यापारिक साझेदारों, जैसे भारत और चीन, के बीच व्यापार वार्ता पर ध्यान केंद्रित रहने के कारण सर्राफा बाजार में गिरावट सीमित दिख रही है।
उन्होंने कहा कि शुल्क लागू होने की एक अगस्त की समयसीमा नजदीक आने के साथ, व्यापार समझौते को लेकर अनिश्चितता सोने की सुरक्षित निवेश मांग को बढ़ावा दे सकती है। इस बीच, अगस्त से अक्टूबर तक घरेलू त्योहारी मांग से कीमतों में तेजी आ सकती है।
पिछले सप्ताह मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज में अगस्त डिलिवरी वाले सोने का वायदा भाव 200 रुपये या 0.2 प्रतिशत चढ़ा।
एंजेल वन में डीवीपी-शोध, गैर-कृषि जिंस और मुद्रा, प्रथमेश माल्या ने कहा कि विदेशी बाजारों में पिछले 10 दिन में सोने में लगभग दो प्रतिशत की तेजी आई है, और यह लगभग 3,350 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गया है।
उन्होंने कहा, ‘‘अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा ब्रिक्स देशों पर शुल्क कार्रवाई और यूरोपीय संघ पर संभावित शुल्कों के कारण सोने में तेजी आई है। इससे सुरक्षित निवेश विकल्प वाली संपत्तियों की मांग बढ़ रही है।’’
एलकेपी सिक्योरिटीज के विश्लेषक जतिन त्रिवेदी ने कहा, ‘‘पिछले सप्ताह अमेरिकी डॉलर की मजबूती ने सोने की बढ़त को सीमित रखा, रुपये की कमजोरी घरेलू बाजारों में गिरावट के दबाव को कम कर सकती है। कुल मिलाकर, निकट भविष्य में सोने में उतार-चढ़ाव बने रहने की संभावना है।’’
वेंचुरा के जिंस और सीआरएम प्रमुख एन एस रामास्वामी के अनुसार, ‘‘अगर कमजोर अमेरिकी डॉलर, भू-राजनीतिक जोखिम, मजबूत निवेशक मांग, केंद्रीय बैंक की निरंतर खरीद जैसे उत्प्रेरक जारी रहते हैं, तो 2025 की पहली छमाही में 26 प्रतिशत की मजबूत वृद्धि के बाद, दूसरी छमाही में सोना 4-8 प्रतिशत और बढ़ सकता है।’’
पिछले सप्ताह चांदी का सितंबर डिलिवरी वाला अनुबंध एमसीएक्स पर 1,15,136 रुपये प्रति किलोग्राम के रिकॉर्ड उच्चस्तर पर पहुंच गया।
प्रभुदास लीलाधर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) खुदरा ब्रोकिंग और वितरण तथा निदेशक संदीप रायचुरा ने कहा, ‘‘चांदी ‘गरीबों के सोने’ से परिपक्व होकर स्मार्ट निवेशकों के लिए एक रणनीतिक धातु बन रही है। दुनियाभर में आपूर्ति की कमी गहराने और इलेक्ट्रिक वाहन, सौर ऊर्जा और इलेक्ट्रॉनिक्स के लिए मांग बढ़ने के साथ चांदी में उछाल आ रहा है।’’
भाषा अजय अजय
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