जम्मू, 20 जुलाई (भाषा) जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने रविवार को रामबन जिले के एक निवासी की रिहाई के लिए केंद्र से हस्तक्षेप की मांग की, जिसका कुछ दिन पहले पश्चिमी अफ्रीकी देश नाइजर में आतंकवादियों ने कथित तौर पर अपहरण कर लिया है।
मुख्यमंत्री ने विदेश मंत्री एस जयशंकर से यह अनुरोध पीड़ित रंकीत सिंह की पत्नी की ओर से उनकी रिहाई के लिये की गयी अपील के एक दिन बाद किया है।
उमर के कार्यालय ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘मुख्यमंत्री ने रामबन के रहने वाले सिंह के अपहरण पर चिंता व्यक्त की है। वह माननीय विदेश मंत्री एस जयशंकर एवं विदेश मंत्रालय से सिंह की सुरक्षित और शीघ्र वापसी सुनिश्चित करने के लिए तत्काल हस्तक्षेप करने का आग्रह करते हैं।’’
सिंह की पत्नी शीला देवी ने शनिवार को कहा कि उनके पति नाइजर में एक बिजली वितरण कंपनी ट्रांसरेल लाइटिंग लिमिटेड में वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारी के रूप में कार्यरत हैं और परिवार का उनसे संपर्क नहीं हो पा रहा है।
भारतीय दूतावास के अनुसार, दक्षिण पश्चिम नाइजर में आतंकी हमले में दो भारतीयों की हत्या कर दी गयी, जबकि एक का अपहरण कर लिया गया।
शीला ने कहा, ‘‘मैने 15 जुलाई को व्हाट्सएप के जरिये उनसे बातचीत की थी, उसके बाद मैं उनसे संपर्क नहीं कर पायी हूं। मैने कंपनी को कॉल किया था, और शुरूआत में कहा गया है कि कार्यस्थल पर नेटवर्क नहीं है।’’
उन्होंने बताया कि उनके पति के अपहरण के बारे में उनके मित्र से उन्हें अगले दिन जानकारी मिली। कंपनी के प्रबंधन ने बताया कि आतंकी हमले के कारण वह मौके से भाग गये और घने जंगलों में पहुंच गये।
तीन बच्चों की मां शीला ने बताया, ‘‘तब से चार दिन बीत गये हैं और अपहर्ताओं के चंगुल से उनके पति को छुड़ाने का अब तक कोई प्रयास नहीं किया गया है।’’
उन्होंने आरोप लगाया कि कंपनी से संपर्क करने की उनकी बार-बार की गई कोशिशों पर उन्हें कोई ठोस जवाब नहीं मिला।
शीला ने कहा, ‘‘मुझे नहीं पता कि मेरे पति किस स्थिति में हैं। मुझे स्थानीय सरकार के प्रयासों के बारे में कोई जानकारी नहीं है।’’
उन्होंने बताया कि उन्होंने रामबन के उपायुक्त मोहम्मद अलयास खान से भी मुलाकात की है।
शीला ने बताया, ‘‘उपायुक्त ने कहा कि वह अपनी क्षमता के अनुसार सब कुछ करेंगे, लेकिन मुझे पता है कि मुख्य काम हमारे विदेश मंत्रालय का है। अगर वे चाहें, तो मेरे पति सुरक्षित घर आ जायेंगे।’’
भाषा रंजन सुभाष
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