(फाइल फोटो सहित)
नयी दिल्ली, 20 जुलाई (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बुधवार से ब्रिटेन और मालदीव की चार दिवसीय यात्रा पर जाएंगे। इस यात्रा का उद्देश्य व्यापार, निवेश और रक्षा के क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करना है।
विदेश मंत्रालय के अनुसार, अपनी यात्रा के पहले चरण में, मोदी लंदन जाएंगे और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री केअर स्टॉर्मर के साथ व्यापक वार्ता करेंगे।
रविवार को दोनों देशों की यात्रा की घोषणा करते हुए कहा गया कि प्रधानमंत्री मोदी, स्टॉर्मर के साथ भारत-ब्रिटेन द्विपक्षीय संबंधों के संपूर्ण पहलुओं पर व्यापक चर्चा करेंगे, साथ ही क्षेत्रीय और वैश्विक महत्व के मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान भी करेंगे।
मोदी की 23-24 जुलाई की ब्रिटेन यात्रा, इस देश की उनकी चौथी यात्रा होगी।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के महाराजा चार्ल्स तृतीय से भी मुलाकात करने की संभावना है।
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘यात्रा के दौरान दोनों पक्ष व्यापार और अर्थव्यवस्था, प्रौद्योगिकी और नवाचार, रक्षा और सुरक्षा, जलवायु, स्वास्थ्य, शिक्षा और लोगों के बीच संबंधों पर विशेष ध्यान देते हुए व्यापक रणनीतिक साझेदारी की प्रगति की समीक्षा भी करेंगे।’
लंदन से मोदी मालदीव जाएंगे। वह मुख्य रूप से 26 जुलाई को मालदीव की स्वतंत्रता की 60वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित होने वाले समारोह में शामिल होने मालदीव जाएंगे।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के निमंत्रण पर 25 से 26 जुलाई तक मालदीव की राजकीय यात्रा पर रहेंगे।
प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति मुइज्जू आपसी हितों के मुद्दों पर चर्चा करेंगे और ‘व्यापक आर्थिक एवं समुद्री सुरक्षा साझेदारी’ के लिए भारत-मालदीव संयुक्त दृष्टिकोण के कार्यान्वयन में प्रगति का जायजा लेंगे। यह संयुक्त दृष्टिकोण पिछले साल अक्टूबर में मुइज्जू की भारत यात्रा के दौरान अपनाया गया था।
विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘यह यात्रा भारत द्वारा अपने समुद्री पड़ोसी, मालदीव को दिए जाने वाले महत्व को दर्शाती है, जो भारत की ‘पड़ोसी पहले’ नीति और विजन महासागर (क्षेत्रों में सुरक्षा और विकास के लिए पारस्परिक और समग्र उन्नति) में एक विशेष स्थान रखता है।’
मंत्रालय ने कहा कि यह यात्रा दोनों पक्षों को घनिष्ठ द्विपक्षीय संबंधों को और गहरा और मजबूत करने का अवसर प्रदान करेगी।
भाषा आशीष संतोष
संतोष