मैसूरु (कर्नाटक), 20 जुलाई (भाषा) कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया और उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार ने रविवार को कावेरी की सहायक नदी काबिनी में पारंपरिक ‘बागीना’ की रस्म अदा की।
यह कदम दोनों नेताओं के बीच कथित मतभेदों की खबरों के बीच एकता का प्रतीक माना जा रहा है।
यह अनुष्ठान मैसूरु में शनिवार को आयोजित कांग्रेस के ‘साधना समावेश’ कार्यक्रम के एक दिन बाद किया गया।
‘साधना समावेश’ कार्यक्रम में मुख्यमंत्री सिद्धरमैया पर उपमुख्यमंत्री शिवकुमार को नजरअंदाज करने का आरोप लगा था।
कार्यक्रम के दौरान सभा को संबोधित करते हुए मंच पर उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों का उल्लेख करते समय सिद्धरमैया ने शिवकुमार का नाम नहीं लिया, जिससे आलोचना हुई और दोनों नेताओं के बीच मतभेद की अटकलें तेज़ हो गईं।
दरअसल, शिवकुमार कार्यक्रम के दौरान ही दिल्ली के लिए रवाना हो चुके थे। जब कांग्रेस के एक नेता ने मुख्यमंत्री को शिवकुमार का नाम लेने की याद दिलाई, तो सिद्धरमैया ने कहा कि प्रोटोकॉल के अनुसार केवल मंच पर मौजूद लोगों का ही उल्लेख किया जाता है।
इस घटना को भाजपा ने मुद्दा बनाते हुए इसे शिवकुमार का अपमान बताया और कांग्रेस नेतृत्व में दरार की बात कही।
पत्रकारों से बातचीत के दौरान सिद्धरमैया ने भाजपा की प्रतिक्रिया को राजनीतिक शरारत करार दिया और कहा कि वह बेवजह की बात को मुद्दा बना रही है।
सिद्धरमैया ने कहा, ‘‘शिवकुमार पहले मौजूद थे। उन्होंने हमें बताया था कि वह दिल्ली जा रहे हैं और उन्होंने सार्वजनिक रूप से भी यह बात कही थी। इसीलिए मैंने उनका नाम नहीं लिया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अगर कोई व्यक्ति, जो पहले ही कार्यक्रम स्थल से जा चुका है, उसका नाम नहीं लिया जाता है, तो इसमें अपमान कैसा? भाजपा यह सोचकर भ्रमित है कि इससे हमारे बीच दरार पैदा हो सकती है। वे राजनीतिक लाभ का सपना देख रहे हैं। वे हमेशा इसी भ्रम में रहेंगे।’’
शिवकुमार ने भी इस प्रकरण को ज्यादा तूल नहीं दिया।
उन्होंने कहा, ‘‘लगता है भाजपा नेता मुझसे बहुत ज्यादा प्यार करते हैं।’’
शिवकुमार ने कहा, ‘‘आप जितने मजबूत होंगे, उतने ही ज्यादा प्रशंसक आपकी तरफ आकर्षित होंगे।’’
उन्होंने स्पष्ट किया कि कार्यक्रम से उनके जाने की सूचना पहले ही दे दी गई थी।
शिवकुमार ने कहा, ‘‘मैंने मुख्यमंत्री और अन्य लोगों को सूचित किया था कि मुझे दिल्ली में जरूरी काम है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे एक वकील से मिलना था और मैं भाषण के तुरंत बाद चला गया। मैं उसी रात वापस लौट आया। मेरे दिल्ली दौरे में कोई राजनीति नहीं थी।’’
शिवकुमार ने अपने काफिले में शामिल एक वाहन की मामूली दुर्घटना का भी जिक्र किया, लेकिन कहा कि देवी चामुंडेश्वरी की कृपा से कोई नुकसान नहीं हुआ।
भाषा योगेश नेत्रपाल
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