कोपेनहेगन, 11 जून (एपी) डेनमार्क की संसद ने बुधवार को अमेरिका को देश की धरती पर सैन्य अड्डे स्थापित करने की अनुमति देने का प्रावधान वाले एक विधेयक को मंजूरी दे दी। यह कदम ऐसे समय उठाया गया है, जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप डेनमार्क के अर्ध-स्वायत्त ग्रीनलैंड पर नियंत्रण करना चाहते हैं।
विधेयक की अलोचना करने वालों का कहना है कि इसके जरिये डेनमार्क ने अपनी संप्रभुता अमेरिका के समक्ष गिरवी रख दी है। यह विधेयक 2023 में (अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जो)बाइडन प्रशासन के साथ किए गए पिछले सैन्य समझौते को और व्यापक बनाता है। इसके तहत अमेरिकी सैनिकों को इस स्कैंडिनेवियाई देश के सैन्य हवाई अड्डों तक व्यापक पहुंच सुनिश्चित होगी।
विधेयक में तय नए मानदंड ट्रंप द्वारा सामरिक, खनिज-समृद्ध आर्कटिक द्वीप पर कब्जा करने की इच्छा के अनुरूप हैं, जबकि अमेरिका और डेनमार्क उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के सहयोगी हैं।
डेनमार्क के विदेश मंत्री लार्स लोके रासमुसेन ने सांसदों के प्रश्नों के उत्तर में लिखा कि यदि अमेरिका ग्रीनलैंड के सम्पूर्ण या आंशिक भाग पर कब्जा करने का प्रयास करता है तो डेनमार्क समझौते को समाप्त कर सकेगा।
डेनमार्क की संसद ने 11 के मुकाबले 94 मतों से विधेयक को मंजूरी दी और इसे हस्ताक्षर के लिए देश के राजा फ्रेडिरक दशम के पास भेजा जाएगा।
ग्रीनलैंड के प्रधानमंत्री ने पहले कहा था कि द्वीप के बारे में अमेरिका के बयान अपमानजनक हैं और यह ‘‘कभी भी ऐसी संपत्ति नहीं होगी जिसे कोई भी खरीद सके।’’
एपी धीरज माधव
माधव