गुवाहाटी, पांच जून (भाषा) असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने बृहस्पतिवार को सभी लोगों से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आह्वान पर अमल करने और अपनी मां के सम्मान में एक पौधा रोपने का आग्रह किया।
शर्मा ने यह भी कहा कि नए पोर्टल की मदद से अब राज्य में वन क्षेत्र के नुकसान की जानकारी अब वास्तविक समय में प्राप्त की जा सकेगी। इसकी मदद से तत्काल कार्रवाई की जा सकेगी।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने सभी लोगों को अपनी मां के नाम पर एक पौधा रोपने के लिए प्रेरित किया है और ‘हम असम में पूरे साल पौधा रोपण कार्यक्रम जारी रखेंगे।’
विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में भाग लेने के बाद मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से कहा, ‘‘मैंने आज एक पोर्टल शुरू किया है, जहां लोग पौधा रोपण करने के बाद और समय-समय पर पौधे की वृद्धि के बारे में जानकारी अपलोड कर सकते हैं।’’
शर्मा ने कहा कि उन्होंने एक और पोर्टल शुरू किया है, जहां कृत्रिम मेधा (एआई) और सैटेलाइट इमेज की मदद से जंगलों के कटान और वन क्षेत्र के नुकसान के बारे में वास्तविक समय में जानकारी प्राप्त की जा सकती है, इससे इन मामलों में तत्काल कार्रवाई की जा सकेगी।
उन्होंने कहा, ‘‘आमतौर पर हमें पूरा जंगल खत्म हो जाने के बाद जानकारी मिलती है, लेकिन इससे हमें वास्तविक समय में जानकारी प्राप्त करने में मदद मिलेगी।’’
मुख्यमंत्री के रूप में पदभार संभालने के बाद उन्होंने वन एवं वन्यजीवों सुरक्षा के लिए गठित तीसरी वन सुरक्षा बटालियन के सदस्यों को शस्त्र भी सौंपे।
शर्मा ने राज्य के विभिन्न वन क्षेत्रों और प्रभागों के लिए 130 वाहनों को भी हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
शहरी क्षेत्रों में जाम होती नालियों के कारण जलभराव की समस्या को रोकने के लिए प्लास्टिक की बोतलों पर प्रतिबंध के बारे में शर्मा ने कहा कि कई स्थानीय युवाओं ने बैंक ऋण लेकर मिनरल वाटर की बोतलें बनाने का उद्योग स्थापित किया है और उन लोगों ने इस पर प्रतिबंध न लगाने की अपील की थी।
उन्होंने कहा, ‘‘जब हमने एक लीटर की बोतलों पर प्रतिबंध लगाने की कोशिश की थी, तो वे इस अपील के साथ हमारे पास आए और हमें इस पर विचार करना पड़ा, लेकिन राज्य में 500 मिलीलीटर की बोतलों पर प्रतिबंध है।’’
राज्य सरकार जल्द ही प्लास्टिक अपशिष्ट से जैव ईंधन उत्पादन के लिए ऑयल इंडिया लिमिटेड (ओआईएल) के साथ समझौता करेगी।
ओआईएल द्वारा तिनसुकिया, डिब्रूगढ़, सिलचर, तेजपुर और गुवाहाटी में जैव ईंधन उत्पादन संयंत्र स्थापित किया जाएगा।
भाषा यासिर पवनेश
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