इस्लामाबाद, पांच जून (एपी) तालिबान के खिलाफ युद्ध में अमेरिका के लिए काम करने वाले अफगानिस्तानी नागरिकों ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से उन्हें यात्रा प्रतिबंध से छूट देने का आग्रह किया है।
उन्होंने ने कहा कि यात्रा प्रतिबंध के चलते उन्हें उनके देश अफगानिस्तान निर्वासित किया जा सकता है, जहां उन्हें प्रताड़ित किया जाएगा।
इस अपील से कुछ घंटे पहले ट्रंप ने अफगानिस्तान समेत 12 देशों के नागरिकों के अमेरिका में प्रवेश पर पाबंदी लगा दी है। इस प्रतिबंध के चलते अफगानिस्तान के शासन से बचकर भागे हजारों अफगान प्रभावित हो सकते हैं।
इन अफगान नागरिकों को अमेरिकी सरकार, मीडिया संगठनों और मानवीय समूहों के साथ काम के कारण जोखिम का सामना करने वाले लोगों की सहायता से जुड़े अमेरिकी कार्यक्रम के माध्यम से पुनर्वास की मंजूरी दी गई थी। लेकिन ट्रंप ने जनवरी में उस कार्यक्रम को निलंबित कर दिया था, जिससे अफगान नागरिक पाकिस्तान और कतर समेत कई स्थानों पर फंसे रह गये।
इस बीच, पाकिस्तान उन विदेशियों को निर्वासित कर रहा है, जिनके बारे में उसका कहना है कि वे देश में अवैध रूप से रह रहे हैं। इनमें से अधिकतर अफगानिस्तानी नागरिक हैं। पाकिस्तान की इस कार्रवाई से शरणार्थियों में खतरे की भावना और बढ़ गई है।
साल 2021 में तालिबान के सत्ता में लौटने से पहले अमेरिकी एजेंसियों के साथ मिलकर काम करने वाले एक अफगानिस्तानी नागरिक ने कहा, ‘यह दिल तोड़ने वाली और दुखद खबर है।’
उन्होंने नाम गुप्त रखने की शर्त पर इस मुद्दे पर बात की, क्योंकि उन्हें तालिबान के प्रतिशोध और पाकिस्तानी अधिकारियों द्वारा संभावित गिरफ्तारी का डर है।
उन्होंने ‘एसोसिएटेड प्रेस’ से कहा, ‘राष्ट्रपति ट्रंप ने उम्मीदों को तोड़ दिया है।’
एक अन्य नागरिक खालिद खान ने कहा कि नए प्रतिबंधों के कारण उन्हें और हजारों अन्य लोगों को पाकिस्तान में गिरफ्तार किया जा सकता है।
खान ने कहा कि पुलिस ने पहले उन्हें और उनके परिवार को अमेरिकी दूतावास के अनुरोध पर अकेला छोड़ दिया था।
खान ने कहा, ‘मैंने आठ साल तक अमेरिकी सेना के लिए काम किया है, और मैं खुद को अकेला महसूस करता हूं। हर महीने, ट्रंप एक नया नियम बना रहे हैं।’
वह तीन साल पहले भागकर पाकिस्तान आए थे।
उन्होंने कहा, ‘मुझे समझ नहीं आ रहा कि क्या कहूं। अफगानिस्तान लौटने से मेरी बेटी की शिक्षा खतरे में पड़ जाएगी। आप जानते हैं कि तालिबान ने लड़कियों को छठी कक्षा से आगे स्कूल जाने पर प्रतिबंध लगा दिया है। अगर हम वापस जाते हैं तो मेरी बेटी अशिक्षित रह जाएगी।’
भाषा जोहेब पवनेश
पवनेश