नयी दिल्ली, पांच जून (भाषा) देश के अलग-अलग राज्यों में बृहस्पतिवार को विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर पौधारोपण किया गया और इस दौरान प्लास्टिक प्रदूषण के खिलाफ कई जगहों पर जागरूकता अभियान शुरू किया गया।
नयी दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) के चेयरमैन केशव चंद्रा ने नयी दिल्ली के नेहरू पार्क में पौधारोपण अभियान का नेतृत्व किया और प्लास्टिक प्रदूषण के खिलाफ जागरूकता पहल की शुरुआत की।
एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, चंद्रा ने एनडीएमसी के वार्षिक वृक्षारोपण अभियान की शुरुआत करने के लिए लेजरस्ट्रोमिया का पौधा लगाया, जिसे ‘भारत का गौरव’ भी कहा जाता है।
चेयरमैन ने कहा कि पेड़ लगाना विश्व पर्यावरण दिवस में योगदान देने का सबसे प्रभावी तरीका है क्योंकि पेड़ हवा को शुद्ध करते हैं, पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखते हैं और जलवायु परिवर्तन से निपटते हैं।
चंद्रा ने विश्व पर्यावरण दिवस 2025 की विषय वस्तु ‘प्लास्टिक प्रदूषण को दें मात’ पर प्रकाश डालते हुए मानव शरीर में पाए जाने वाले माइक्रोप्लास्टिक के खतरे को रेखांकित किया।
उन्होंने प्लास्टिक प्रदूषण से निपटने और इसे खत्म करने के लिए सामूहिक कार्रवाई का आह्वान किया।
चंद्रा ने कहा, “हर नागरिक को प्लास्टिक प्रदूषण को मात देने की इस पहल में भाग लेना चाहिए, जिसमें सिर्फ एक बार प्रयोग होने वाली प्लास्टिक के इस्तेमाल को कम करने, दोबारा इस्तेमाल किए जा सकने वाले विकल्पों को अपनाने और जिम्मेदारी से पुनर्चक्रण करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।”
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर पांच इलेक्ट्रिक बसों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया, जो वायु प्रदूषण से निपटने के लिए राज्य की प्रतिबद्धता का प्रतीक है।
उन्होंने चरखी दादरी में आयोजित एक समारोह को संबोधित करते लोगों से पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक पेड़ लगाने का आग्रह किया, ताकि भविष्य को स्वच्छ और हरा-भरा बनाया जा सके।
सैनी ने कहा कि राज्य सरकार प्लास्टिक प्रदूषण को खत्म करने के लिए विभिन्न उपायों को लागू कर रही है और उन्होंने नागरिकों से प्लास्टिक का उपयोग बंद करने का संकल्प लेने का आह्वान किया ताकि हरियाणा को प्लास्टिक मुक्त राज्य बनाना है।
उन्होंने कहा कि जब तक लोग प्लास्टिक कचरे के वैश्विक परिणामों को नहीं समझेंगे, तब तक इसके निपटान के सार्थक समाधान पहुंच से बाहर रहेंगे।
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य में सिर्फ एक बार इस्तेमाल होने वाली प्लास्टिक पर पहले से ही प्रतिबंध है और प्लास्टिक कचरे को कम करने की व्यापक रणनीति के तहत 120 माइक्रोन से कम मोटाई वाले प्लास्टिक बैगों पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है।
वहीं झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पर्यावरण संरक्षण की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि मानवता के अस्तित्व के लिए पारिस्थितिकी की रक्षा करना आवश्यक है।
मुख्यमंत्री ने विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, “आज (बृहस्पतिवार को) पूरी दुनिया पर्यावरण संरक्षण को लेकर चिंतित है। अगर हम अपनी पारिस्थितिकी, जंगल, पेड़-पौधे और नदियों को संरक्षित करने में सक्षम होंगे तभी हम मानव जीवन की सुरक्षा भी सुनिश्चित कर पाएंगे।’’
सोरेन ने झारखंड के लोगों और प्रकृति के बीच गहरे संबंधों पर प्रकाश डाला।
उन्होंने कहा, “झारखंड नाम से ही जंगल, नदियां और पहाड़ की छवि उभरती है। इस राज्य के लोग हमेशा प्रकृति के करीब रहे हैं और यहां प्रकृति के साथ सद्भाव से रहने की परंपरा रही है।”
गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने भी विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर अहमदाबाद नगर निगम के ‘40 लाख पेड़ लगाने के मिशन’ अभियान का उद्घाटन किया।
उन्होंने चांदलोडिया वार्ड में ‘सिंदूर वन’ प्रकृति पार्क का भी उद्धघाटन किया।
पटेल ने पार्क में सिंदूर का पौधा लगाया।
एक विज्ञप्ति के मुताबिक, “पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में जान गंवाने वाले नागरिकों की याद में और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के लिए भारतीय सशस्त्र बलों को सम्मानित करने के मकसद से चांदलोडिया वार्ड में 551 सिंदूर के पेड़ों से युक्त ‘सिंदूर वन’ विकसित किया जा रहा है।”
विज्ञप्ति के मुताबिक, विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर पटेल ने अहमदाबाद नगर निगम के ‘40 लाख पेड़ लगाने के मिशन’अभियान के तहत एक विशेष झांकी और 11 वृक्ष रथों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
भाषा जितेंद्र माधव
माधव