नयी दिल्ली, छह जून (भाषा) नीतिगत दर में 0.50 प्रतिशत की कटौती के फैसले का वाहन क्षेत्र पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा क्योंकि इससे वाहन ऋण सस्ता हो जाएगा। वाहन विनिर्माताओं के निकाय सियाम ने शुक्रवार को यह उम्मीद जताई।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए रेपो दर में अपेक्षा से अधिक 0.50 प्रतिशत कटौती की घोषणा की है। वृद्धि दर पिछले वित्त वर्ष (2024-25) में चार साल के निचले स्तर 6.5 प्रतिशत पर आ गई।
ब्याज दर में कटौती के बाद प्रमुख नीतिगत दर घटकर तीन वर्ष के निम्नतम स्तर 5.5 प्रतिशत पर आ गई जिससे आवास, वाहन और कॉरपोरेट ऋण लेने वालों को राहत मिली।
भारतीय वाहन विनिर्माताओं के संगठन सियाम ने कहा, “रेपो दरों में इस स्तर की कटौती से वाहन क्षेत्र पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा क्योंकि इससे कम लागत पर वित्त तक पहुंच बढ़ेगी, जिससे बाजार में उपभोक्ताओं के बीच सकारात्मक धारणा पैदा होगी।”
भारतीय वाहन कलपुर्जा विनिर्माता संघ (एक्मा) ने कहा कि रेपो दर में 0.50 प्रतिशत की कटौती और नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) में ढील देने का आरबीआई का निर्णय, घरेलू मांग को प्रोत्साहित करने तथा औद्योगिक वृद्धि को समर्थन देने की दिशा में, खासकर वैश्विक स्तर पर जारी चुनौतियों को देखते हुए समय पर उठाया गया एक सक्रिय कदम है।
एक्मा की अध्यक्ष श्रद्धा सूरी मारवाह ने कहा, “ब्याज दरों में कमी से उपभोक्ता और व्यवसाय, दोनों के लिए उधार लेने की लागत कम होने की उम्मीद है। इससे जटिल वृहद आर्थिक वातावरण से गुजर रहे वाहन क्षेत्र को बहुत जरूरी प्रोत्साहन मिलेगा।”
उन्होंने कहा कि सीआरआर में कटौती से नकदी प्रवाह बढ़ने से कार्यशील पूंजी का दबाव कम होगा। इसका फायदा खासकर एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम) को होगा जो वाहन कलपुर्जा उद्योग की रीढ़ हैं।
महिंद्रा समूह के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) एवं प्रबंध निदेशक (एमडी) अनीश शाह ने कहा कि आरबीआई का यह कदम व्यापक आर्थिक बुनियादी बातों में आरबीआई के विश्वास तथा पर्यावरण-अनुकूल विस्तार को समर्थन देने के लिए उसके सक्रिय दृष्टिकोण को दर्शाता है।
शाह ने कहा कि इससे उधार लेने की लागत कम होगी, नकदी में सुधार होगा और भारत के बुनियादी ढांचे एवं विनिर्माण को बढ़ावा देने की गति तेज होगी।
रेनो इंडिया के सीईओ और एमडी वेंकटराम मामिलपल्ले ने कहा कि मौद्रिक नीति से नकदी प्रवाह तेज होने और उपभोक्ताओं तक कम ब्याज दरों का लाभ पहुंचने में तेजी आने की उम्मीद है, जिससे अर्थव्यवस्था में मांग बढ़ेगी।
भाषा अनुराग प्रेम
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