(योषिता सिंह)
वाशिंगटन, छह जून (भाषा) कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा है कि यह सुझाव देना संभव नहीं है कि दो असमान लोगों के बीच मध्यस्थता की जा सकती है, क्योंकि आतंकवादियों और आतंकवाद के पीड़ितों के बीच कोई समानता नहीं है।
थरूर ने यह बात अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा बार-बार किये जा रहे इस दावे के बीच कही कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव घटाने में मदद की।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे थरूर ने बृहस्पतिवार को यहां विदेश संबंध परिषद में एक सवाल के जवाब में यह टिप्पणी की।
थरूर ने कहा, ‘‘…मध्यस्थता एक ऐसा शब्द नहीं है जिसे हम विशेष रूप से स्वीकार करने के लिए तैयार हों। मैं आपको बताता हूं कि ऐसा क्यों नहीं है। तथ्य यह है कि इसका तात्पर्य यह है कि जब आप ‘ब्रोकर’ या कुछ और कहते हैं, तो आप एक ऐसी समानता की ओर संकेत कर रहे होते हैं जो वास्तव में मौजूद ही नहीं है।’’
उन्होंने कहा कि आतंकवादियों और उनके (आतंकवाद के) पीड़ितों के बीच कोई समानता नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘‘आतंकवाद को पनाहगाह मुहैया करने वाले देश और एक ऐसे देश के बीच कोई समानता नहीं है जो एक समृद्ध बहुदलीय लोकतंत्र है।’’
थरूर ने कहा, ‘‘इन मामलों में कोई समतुल्यता संभव नहीं है, और इन परिस्थितियों में यह सुझाव देना कि आप दो असमान लोगों के बीच मध्यस्थता कर सकते हैं, संभव नहीं है।’’
ट्रंप ने 10 मई को जब सोशल मीडिया पर घोषणा की थी कि वाशिंगटन की मध्यस्थता में ‘‘रात भर हुई’’ वार्ता के बाद भारत और पाकिस्तान “पूर्ण और तत्काल संघर्षविराम’’ के लिए सहमत हो गए हैं, तब से उन्होंने 12 से अधिक बार अपने दावे को दोहराया है कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव घटाने में “मदद” की है।
ट्रंप ने यह भी दावा किया था कि उन्होंने परमाणु हथियारों से लैस दक्षिण एशियाई पड़ोसियों से कहा है कि यदि वे संघर्ष बंद कर दें तो अमेरिका उनके साथ ‘‘बहुत सारा व्यापार’’ करेगा।
यह पूछे जाने पर कि वह संघर्ष में अमेरिकी भूमिका को किस प्रकार परिभाषित करेंगे, थरूर ने कहा कि वे ‘‘कुछ हद तक अनुमान लगा रहे हैं’’ कि अमेरिका की भूमिका सबसे पहले पूरी जानकारी रखने और दोनों पक्षों के बीच बातचीत करने की रही होगी, और ‘‘निश्चित रूप से मेरी सरकार को अमेरिकी सरकार की ओर से उच्च स्तर पर कई कॉल आई और हम उनकी चिंता और उनकी रुचि की सराहना करते हैं।’’
उन्होंने कहा कि उसी समय, अमेरिका ने पाकिस्तान को उच्चतम स्तर पर इसी तरह की कॉल की होगी और ‘‘हमारा अनुमान है कि इसी पक्ष को इस प्रक्रिया को रोकने के लिए मनाने की जरूरत थी…लेकिन यह मेरा अनुमान है। मुझे नहीं पता कि उन्होंने पाकिस्तानियों से क्या कहा।’’
ट्रंप ने अपने इस दावे को बृहस्पतिवार को भी दोहराया था। उन्होंने ओवल ऑफिस में जर्मन चांसलर फ्रेडरिक मर्ज के साथ बैठक के दौरान कहा था कि उन्हें ‘‘बहुत गर्व’’ है कि वह परमाणु हथियारों से लैस भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष को रोक सकें।
बाइस अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया था तथा सात मई की सुबह भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में आतंकवादी ढांचे पर सटीक हमले किए।
दस मई को दोनों पक्षों के सैन्य संचालन महानिदेशकों के बीच वार्ता के बाद सैन्य कार्रवाई रोकने पर सहमति बनी थी।
भाषा
देवेंद्र सुभाष
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