चेन्नई, 17 जुलाई (भाषा) द्रविड मुनेत्र कषगम (द्रमुक) सांसद तिरुचि शिवा ने यह कहकर विवाद खड़ा कर दिया है कि कांग्रेस नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री (दिवंगत) के. कामराज बिना एयर कंडीशनर के सो नहीं पाते थे। हालांकि बाद में शिवा ने स्पष्ट किया कि उनका इरादा महान नेता की प्रतिष्ठा को धूमिल करने का नहीं था।
राज्यसभा सदस्य ने यह भी दावा किया था कि कांग्रेस नेता ने अपने अंतिम दिनों में द्रमुक के पूर्व अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री एम करुणानिधि का हाथ थामा था और उनसे ‘लोकतंत्र की रक्षा’ करने का आग्रह किया था।
यहां पेराम्बूर में 16 जुलाई को पार्टी की बैठक को संबोधित करते हुए द्रमुक के उप महासचिव शिवा ने आरोप लगाया कि कामराज एयर कंडीशनर के बिना सो नहीं पाते थे।
उन्होंने दावा किया कि यह बात उन्हें स्वयं करुणानिधि ने बताई थी और तत्कालीन द्रमुक सरकार ने सभी सरकारी गेस्ट हाउस में एयर कंडीशनर लगवाए थे।
उनकी टिप्पणी की कांग्रेस नेताओं ने कड़ी निंदा की और पार्टी की राज्य इकाई के अध्यक्ष के सेल्वापेरुन्थगई ने विवादास्पद टिप्पणी के लिए सांसद की आलोचना की तथा शिवा पर बिना सबूत के बोलने का आरोप लगाया।
सेल्वापेरुंथगई ने कहा, ‘‘ किसी को भी कामराज के बारे में इस तरह बोलने या उनकी आलोचना करने का अधिकार नहीं है।’’
कांग्रेस सांसद जोतिमणि ने भी तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि कामराज अपनी ईमानदारी, सादगी और प्रशासनिक कौशल के लिए जाने जाते थे। उन्होंने कहा, ‘‘द्रमुक द्वारा फैलाई गई अफवाहों के कारण ही उनकी चुनाव में हार हुई थी।’’
जोतिमणि ने शिवा के बयान को ‘‘मिथ्या’’ करार देते हुए कहा, ‘‘उन्होंने (कामराज) तमिलनाडु के हर कोने की यात्रा की, जहां एसी कमरे या पांच सितारा होटल नहीं थे। मुख्यमंत्री के रूप में वह सरकारी होटलों में रुके और जब गर्मी असहनीय हो गई तो पेड़ के नीचे सोए भी।’’
बाद में, द्रमुक सांसद ने अपने बयान पर सफाई दी।
शिवा ने एक बयान में कहा, ‘‘ बहुत से लोग जानते हैं कि मैं विपक्ष के नेताओं की आलोचना भी गरिमा के साथ करता हूं। मैं अक्सर कई मंचों पर जोश और भावुकता से कहता हूं कि कामराज ने शिक्षा के क्षेत्र में असीम काम किया और बच्चों को स्कूल जाने के लिए प्रोत्साहित करने हेतु स्कूलों में मध्याह्न भोजन योजना शुरू करने में वे देश के मार्गदर्शक थे।’’
शिवा ने कहा कि वह कामराज के प्रति गहरा सम्मान रखते हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं सभी से अनुरोध करता हूं कि कृपया इस स्पष्टीकरण को स्वीकार करें और मेरे भाषण में दिए गए संदेश को और बहस का विषय न बनाएं।’’
भाषा शोभना नरेश
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