नयी दिल्ली, 17 जुलाई (भाषा) भारत ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह भारतीय नर्स निमिषा प्रिया के मामले में ‘‘पारस्परिक रूप से स्वीकार्य समाधान’’तक पहुंचने के लिए यमन के अधिकारियों के साथ-साथ कुछ मित्र देशों की सरकारों के संपर्क में है।
निमिषा प्रिया (38) को हत्या के एक मामले में मौत की सुजा सुनाई गई है। उसे 16 जुलाई को मौत की सजा दी जानी थी, लेकिन भारतीय अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद इसे टाल दिया गया।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि सरकार प्रिया के परिवार को और अधिक समय दिलाने लिए ठोस प्रयास कर रही है ताकि वह यमन निवासी व्यक्ति के परिवार के साथ किसी प्रकार का समझौता तक पहुंच सके जिसकी हत्या के लिए प्रिया को दोषी ठहराया गया है।
प्रिया वर्तमान में यमन की राजधानी सना की जेल में बंद है, जो ईरान समर्थित हूतियों के नियंत्रण में है।
जायसवाल ने यहां एक प्रेस वार्ता में कहा, ‘‘यह एक संवेदनशील मामला है और भारत सरकार इस मामले में हरसंभव सहायता कर रही है।’’
केरल के पलक्कड़ जिले के कोल्लेंगोडे की रहने वाली नर्स प्रिया को जुलाई 2017 में एक यमनी नागरिक की हत्या का दोषी करार दिया गया है। यमन की शीर्ष न्यायिक परिषद ने 2023 में उसकी अपील खारिज कर दी।
जायसवाल ने कहा, ‘‘हमने कानूनी सहायता प्रदान की है और परिवार की सहायता के लिए एक वकील नियुक्त किया है। हमने नियमित रूप से दूतावास अधिकारियों की (प्रिया से) मुलाकात की भी व्यवस्था की है और हम इस मुद्दे को सुलझाने के लिए स्थानीय अधिकारियों और परिवार के सदस्यों के साथ लगातार संपर्क में हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इसमें हाल के दिनों में निमिषा प्रिया के परिवार को दूसरे पक्ष के साथ पारस्परिक रूप से स्वीकार्य समाधान तक पहुंचने के लिए अधिक समय की खातिर ठोस प्रयास भी शामिल हैं।’’
जायसवाल ने कहा कि यमन में स्थानीय अधिकारियों ने प्रिया की सजा की तामील को स्थगित कर दिया है, जो 16 जुलाई के लिए निर्धारित थी।
उन्होंने देशों का नाम लिए बिना कहा, ‘‘हम मामले पर लगातार नजर रख रहे हैं और हरसंभव सहायता कर रहे हैं। हम कुछ मित्र देशों की सरकारों के भी संपर्क में हैं।’’
यमन में भारत की कोई राजनयिक उपस्थिति नहीं है। माना जा रहा है कि सऊदी अरब स्थित भारतीय मिशन के राजनयिक इस मामले को देख रहे हैं।
जायसवाल ने प्रिया की मौत की सजा को स्थगित करने में ग्रैंड मुफ्ती एपी अबूबकर मुसलियार की कथित भूमिका पर पूछे गए प्रश्न का उत्तर देने से इनकार कर दिया।
केरल के सुन्नी धर्मगुरु ने कहा था कि उन्होंने प्रिया के परिवार की ओर से उसकी मौत की सजा को रोकने के लिए प्रमुख यमनी विद्वानों से बात की थी।
जायसवाल ने कहा, ‘‘जहां तक आपके द्वारा उल्लिखित व्यक्ति की भूमिका का सवाल है, तो मेरे पास इस संबंध में साझा करने के लिए कोई जानकारी नहीं है।’’
प्रिया की मां प्रेमकुमारी ने बेटी की रिहाई की कोशिश के तहत पिछले साल यमन की यात्रा की थीं।
माना जा रहा है कि भारतीय पक्ष ने प्रिया की रिहाई के लिए ‘दियात’ यानी ‘ब्लड मनी’ देने का विकल्प भी तलाशा था लेकिन इसमें कुछ दिक्कतें हैं।
संबंधित घटनाक्रम में, सरकार ने सोमवार को उच्चतम न्यायालय को सूचित किया कि वह भारतीय नर्स को मौत की सजा से बचाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।
सरकार ने अदालत को यह भी बताया कि यमन की स्थिति को देखते हुए ‘‘बहुत कुछ नहीं’’ किया जा सकता।
भाषा धीरज अविनाश
अविनाश