कोलकाता, 17 जुलाई (भाषा) मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल के बांग्ला भाषी प्रवासी श्रमिकों को अन्य राज्यों में उनकी पहचान के आधार पर निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने मांग की कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इस मुद्दे के समाधान के लिए तृणमूल कांग्रेस के सांसदों का प्रतिनिधिमंडल इन राज्यों में भेजें।
पार्टी के राज्य मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए माकपा की पश्चिम बंगाल इकाई के सचिव मोहम्मद सलीम ने कहा कि आजीविका के लिए देश के भीतर आंतरिक प्रवास एक सामान्य बात है।
उन्होंने कहा, ‘‘राष्ट्रीय राजधानी समेत कई राज्यों में बांग्ला भाषी प्रवासी श्रमिकों को निशाना बनाया जा रहा है।’’
सलीम ने मांग की कि बनर्जी तृणमूल कांग्रेस के सांसदों के प्रतिनिधिमंडल उन राज्यों में भेजें जहां बांग्ला भाषी लोगों को कथित तौर पर उनकी पहचान को लेकर सवालों का सामना करना पड़ रहा है।
उन्होंने पूछा, ‘‘पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ऐसे राज्यों में पार्टी सांसदों का प्रतिनिधिमंडल क्यों नहीं भेज रही हैं?’’
माकपा नेता ने आरोप लगाया कि कुछ राज्यों में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और भाजपा सरकारें तथा विभिन्न संगठन विभिन्न राज्यों में बांग्ला भाषी प्रवासी श्रमिकों को प्रताड़ित कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘संविधान में प्रावधान है कि सभी की सुरक्षा, स्वास्थ्य सेवा और कल्याण सुनिश्चित करना केंद्र सरकार का कर्तव्य है।’’
सलीम ने कहा, ‘‘बांग्ला भाषी प्रवासी श्रमिकों को बांग्लादेशी या रोहिंग्या करार दिया जा रहा है।’’ उन्होंने आरोप लगाया कि यह देश के नागरिकों में विभाजन पैदा करने का प्रयास है।
भाषा
देवेंद्र माधव
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