कोहिमा, 19 जुलाई (भाषा) बाल अधिकार संरक्षण पर शनिवार को यहां आयोजित एक मीडिया कार्यशाला में पत्रकारों से सनसनीखेज पत्रकारिता से बचने और बच्चों के मामले में संवेदनशील व्यवहार करने का आह्वान किया गया जैसे कि छद्म नामों का इस्तेमाल करना, दृश्यों को धुंधला करना और यह सुनिश्चित करना कि खबरें सूचनाप्रद होने के साथ-साथ पहचान की सुरक्षा करने वाली हों।
‘बाल अधिकारों और बाल संरक्षण की समझ: मीडिया की भूमिका’ विषय पर आयोजित इस कार्यक्रम का आयोजन कोहिमा प्रेस क्लब (केपीसी) और नगालैंड राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनएससीपीसीआर) ने क्लब की 25वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में संयुक्त रूप से किया था।
फेक की जिला एवं सत्र न्यायाधीश और सर्वोच्च न्यायालय की पूर्व रजिस्ट्रार मेजिवोलु टी थेरीह ने पत्रकारों से बच्चों से जुड़े मामलों की रिपोर्टिंग करते समय नैतिक और कानूनी मानकों का पालन करने का आग्रह किया।
नाबालिगों की पहचान की सुरक्षा के महत्व पर जोर देते हुए उन्होंने किशोर न्याय (बालकों की देखभाल एवं संरक्षण) अधिनियम, 2015 की धारा 74 के साथ-साथ यौन अपराधों से बालकों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम, भारतीय दंड संहिता की धारा 228ए और केबल टेलीविजन नेटवर्क विनियमन अधिनियम के प्रावधानों का हवाला दिया।
उन्होंने कहा, ‘‘चाहे बच्चा पीड़ित हो, आरोपी हो या गवाह, मीडिया को नाम, पता या तस्वीर जैसी पहचान संबंधी जानकारी सार्वजनिक करने से बचना चाहिए।’’
आरुषि-हेमराज दोहरे हत्याकांड की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए उन्होंने मीडिया की सनसनीखेज खबर के प्रति आगाह किया, जो जांच को खतरे में डालने के साथ बच्चों को आघात पहुंचा सकती है।
थेरीह ने संयुक्त राष्ट्र बाल अधिकार सम्मेलन (यूएनसीआरसी) और यूनिसेफ के दिशानिर्देशों का पालन करने पर जोर दिया और कहा कि बच्चे की सहमति के बावजूद, सूचना का खुलासा कानूनी रूप से अमान्य है।
उन्होंने मीडिया से सनसनीखेज पत्रकारिता से बचने, संवेदनशील मामलों को संभालते समय कानूनी विशेषज्ञों से परामर्श करने और बच्चों को शिक्षित और सुरक्षित करने वाले बाल-केंद्रित आख्यानों को बढ़ावा देने का आह्वान किया।
एनसीपीसीआर के अध्यक्ष अलुन हैंगसिंग ने बाल अधिकारों को बनाए रखने में विभिन्न क्षेत्रों के महत्वपूर्ण अभिसरण पर प्रकाश डाला।
उन्होंने कहा, ‘‘बढ़ती जागरूकता के बावजूद, बच्चों के खिलाफ अपराध बढ़ रहे हैं। उनके विकास के लिए एक विकासपरक और सुरक्षात्मक वातावरण सुनिश्चित करना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है।’’
केपीसी अध्यक्ष एलिस योशू ने कहा कि मीडिया को पत्रकारिता की स्वतंत्रता को बरकरार रखना चाहिए और इसे संरक्षित करने के साथ और बढ़ावा दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि बच्चों से संबंधित खबरों में मीडिया को नैतिक और पेशेवर जिम्मेदारी निभानी चाहिए और उनके सर्वोत्तम हितों की रक्षा करनी चाहिए।
भाषा संतोष रंजन
रंजन