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Sunday, July 20, 2025

नितेश राणे को ‘सांप्रदायिक’, ‘विभाजनकारी’ टिप्पणी के लिए मंत्रिमंडल से हटाया जाए: वर्षा गायकवाड

Newsनितेश राणे को 'सांप्रदायिक', 'विभाजनकारी' टिप्पणी के लिए मंत्रिमंडल से हटाया जाए: वर्षा गायकवाड

मुंबई, 19 जुलाई (भाषा) कांग्रेस की मुंबई इकाई की अध्यक्ष वर्षा गायकवाड ने महाराष्ट्र के मंत्री नितेश राणे को राज्य मंत्रिमंडल से हटाने की शनिवार को मांग की और उन पर संविधान की भावना का उल्लंघन करते हुए सांप्रदायिक टिप्पणी करने का आरोप लगाया।

गायकवाड ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए आरोप लगाया कि राणे लगातार भड़काऊ बयानों के माध्यम से हिंदू-मुस्लिम विभाजन पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने अपने आरोप के पक्ष में राणे की कई टिप्पणियों का भी परोक्ष हवाला दिया जिनमें कथित तौर पर ‘मदरसे आतंकवाद पनपने की जगह’सबंधी उनका बयान भी शामिल है।

गायकवाड ने कहा, ‘‘संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति को ऐसी सांप्रदायिक और विभाजनकारी टिप्पणी नहीं करनी चाहिए। ऐसा करके राणे ने संविधान और लोकतंत्र का अपमान किया है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को इसे गंभीरता से लेना चाहिए और उन्हें तुरंत मंत्रिमंडल से हटा देना चाहिए।’’

कांग्रेास नेता ने दावा किया कि राणे को अपने शब्दों पर कोई नियंत्रण नहीं है और वे बार-बार एक खास समुदाय को निशाना बनाते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘अगर मुख्यमंत्री ऐसे बयानों को नजरअंदाज करते रहेंगे, तो इसे मौन समर्थन माना जाएगा।’’

राज्य में प्राथमिक स्कूली शिक्षा में हिंदी भाषा थोपने के सरकार के कथित प्रयासों से जुड़े विवाद पर, गायकवाड ने कहा कि कुछ तत्व जानबूझकर इस मुद्दे का राजनीतिकरण करने की कोशिश कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस किसी भी भाषा के खिलाफ नहीं है। हमें मराठी पर गर्व है और हमारा मानना है कि शिक्षा मातृभाषा में होनी चाहिए। सरकार ने दो सरकारी आदेश जारी किए थे और बाद में जनता के विरोध के कारण उन्हें वापस ले लिया। इस मुद्दे को बेवजह उठाने की कोई ज़रूरत नहीं है।’’

गायकवाड ने हिंदुत्व कार्यकर्ता संभाजी भिडे के बारे में पूछे जाने पर कहा कि उनके विचार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की विचारधारा के अनुरूप हैं।

उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा, ‘‘आरएसएस ने कभी संविधान या राष्ट्रीय ध्वज को स्वीकार नहीं किया। आजादी के बाद भी, उसने 50 सालों तक अपने मुख्यालय पर तिरंगा नहीं फहराया। लोगों के असली मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए इस मनुवादी विचारधारा को बढ़ावा दिया जा रहा है।’’

भिडे के नेतृत्व वाले शिव प्रतिष्ठान संगठन ने सांगली कलेक्टरेट को एक ज्ञापन भेजकर इस्लामपुर का नाम बदलकर ईश्वरपुर करने की मांग की थी।

मांग के आधार पर, महाराष्ट्र सरकार ने शुक्रवार को घोषणा की कि इस्लामपुर का नाम बदलकर ईश्वरपुर किया जा रहा है। यह घोषणा राज्य विधानमंडल के मानसून सत्र के अंतिम दिन की गई।

भाषा

अमित धीरज

धीरज

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