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Sunday, July 20, 2025

राष्ट्र सर्वप्रथम, पार्टियां देश को बेहतर बनाने का माध्यम हैं : शशि थरूर

Newsराष्ट्र सर्वप्रथम, पार्टियां देश को बेहतर बनाने का माध्यम हैं : शशि थरूर

कोच्चि, 19 जुलाई (भाषा) कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) के सदस्य शशि थरूर ने शनिवार को कहा कि राष्ट्र पहले आता है और पार्टियां देश को बेहतर बनाने का माध्यम हैं।

तिरुवनंतपुरम से सांसद थरूर ने कहा कि किसी भी पार्टी का उद्देश्य एक बेहतर भारत का निर्माण करना होता है।

उन्होंने कहा कि वह देश की सशस्त्र सेनाओं और सरकार का समर्थन करने के अपने रुख पर अड़े रहेंगे, क्योंकि उनका मानना है कि ‘‘यह देश के लिए सही बात है।’’

कांग्रेस सांसद ने कहा, ‘‘आपकी पहली निष्ठा किसके प्रति है? मेरे विचार से, राष्ट्र सर्वप्रथम है। पार्टियां राष्ट्र को बेहतर बनाने का माध्यम हैं। इसलिए, मेरे विचार से, आप जिस भी पार्टी से हों, पार्टी का उद्देश्य अपने तरीके से एक बेहतर भारत का निर्माण करना है।’’

उन्होंने यहां ‘शांति, सद्भाव और राष्ट्रीय विकास’ विषय पर आयोजित एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘अब, पार्टियों को इस बात पर असहमत होने का पूरा अधिकार है कि ऐसा करने का सबसे अच्छा तरीका क्या है… जैसा कि आप जानते हैं, बहुत से लोग मेरे रुख के कारण मेरे आलोचक रहे हैं, क्योंकि मैंने सशस्त्र बलों और हमारी सरकार का समर्थन किया है तथा हाल में हमारे देश और हमारी सीमाओं पर जो कुछ हुआ है, उसके बारे में भी मैंने ऐसा ही रुख अपनाया है।’’

कांग्रेस सांसद ने कहा, ‘‘लेकिन मैं अपनी बात पर अड़ा रहूंगा, क्योंकि मेरा मानना है कि यह देश के लिए सही बात है।’’

बाद में, कार्यक्रम से इतर उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि ‘‘राष्ट्र प्रथम हमेशा से मेरा दर्शन रहा है।’’

उन्होंने कहा कि वह भारत केवल इसलिए लौटे हैं ताकि राजनीति के माध्यम से और राजनीति से बाहर भी, हर संभव तरीके से देश की सेवा कर सकें। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने ऐसा करने की कोशिश की है।’’

यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें कांग्रेस आलाकमान से कोई समस्या है, थरूर ने कहा कि वह यहां किसी राजनीति या समस्या पर चर्चा करने नहीं आए हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं दो भाषण देने आया हूं। दोनों भाषण ऐसे विषयों पर थे जिनकी मुझे उम्मीद है कि जनता सम्मान करेगी और उन्हें महत्व देगी। पहला भाषण विकास, व्यवसायों की भूमिका और शांति एवं सद्भाव के बारे में था।’’

उन्होंने कहा, ‘‘दूसरा भाषण मुख्य रूप से सांप्रदायिक सद्भाव और साथ मिलकर रहने के प्रयास पर केंद्रित था ताकि हम सब आगे बढ़ सकें और प्रगति कर सकें।’’

भाषा देवेंद्र शफीक

शफीक

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