जम्मू, 20 जुलाई (भाषा) पश्चिम अफ्रीकी देश नाइजर में आतंकवादियों द्वारा कथित तौर पर अपहृत किए गए भारतीय नागरिक की पत्नी ने उसकी रिहाई के लिए केंद्र सरकार से हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया है।
अपहृत भारतीय जम्मू-कश्मीर के रामबन जिले का निवासी है।
रामबन निवासी शीला देवी ने बताया कि उनके पति रंजीत सिंह एकीकृत विद्युत पारेषण एवं वितरण कंपनी ‘ट्रांसरेल लाइटिंग लिमिटेड’ में वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारी के पद पर कार्यरत थे।
उन्होंने कहा कि 15 जुलाई से परिवार का रंजीत से संपर्क नहीं हो पाया है।
भारतीय दूतावास ने बताया था कि दक्षिण-पश्चिमी नाइजर में एक आतंकवादी हमले में दो भारतीय मारे गए और एक को अगवा कर लिया गया।
दूतावास ने शुक्रवार को सोशल मीडिया पर पोस्ट किया, ‘‘नाइजर के डोसो क्षेत्र में 15 जुलाई को हुए एक जघन्य आतंकवादी हमले में दो भारतीय नागरिकों की दुखद मौत हो गई और एक का अपहरण कर लिया गया।’’
नाइजर मीडिया ने बताया था कि देश की राजधानी नियामी से लगभग 130 किलोमीटर दूर डोसो में एक निर्माण स्थल की सुरक्षा कर रही सेना की एक टुकड़ी पर अज्ञात बंदूकधारियों ने हमला किया।
शीला देवी ने शनिवार को कहा, ‘‘हमने 15 जुलाई को व्हाट्सऐप के जरिए बात की थी और उसके बाद से मैं उनसे संपर्क नहीं कर पाई हूं। मैंने उनकी कंपनी के प्रबंधन को फोन किया और मुझे शुरुआत में बताया गया कि कार्यस्थल पर नेटवर्क की समस्या है।’’
उन्होंने बताया कि उन्हें अपने पति के अपहरण के बारे में अगले दिन उनके दोस्त से पता चला जबकि प्रबंधन का कहना था कि वह आतंकवादी हमले के बाद भागकर जंगल की ओर चले गए थे।
शीला देवी ने कहा, ‘‘तब से चार दिन बीत चुके हैं। मुझे लगता है कि मेरे पति को अपहरणकर्ताओं के चंगुल से छुड़ाने की कोई कोशिश नहीं की जा रही।’’
उन्होंने आरोप लगाया कि उन्होंने कंपनी से संपर्क करने की कई बार कोशिश की लेकिन उन्हें कोई उचित जवाब नहीं मिला।
शीला देवी ने भारत सरकार, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर से रंजीत सिंह की रिहाई की कोशिश करने का अनुरोध करते हुए कहा, ‘‘मुझे नहीं पता कि मेरे पति किस स्थिति में हैं। मुझे स्थानीय सरकार के प्रयासों के बारे में कोई जानकारी नहीं है।’’
देवी ने बताया कि उन्होंने रामबन के उपायुक्त मोहम्मद अलयास खान से मुलाकात की जिन्होंने उन्हें मदद का आश्वासन दिया।
उन्होंने कहा, ‘‘उपायुक्त ने कहा कि वह अपनी क्षमता के अनुसार हरसंभव प्रयास करेंगे लेकिन मैं जानती हूं कि मुख्य काम हमारे विदेश मंत्रालय का है। अगर वह चाहे तो मेरे पति सुरक्षित घर आ सकते हैं।’’
भाषा सिम्मी नेत्रपाल
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