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नयी दिल्ली, 20 जुलाई (भाषा) संसद के मानसून सत्र से पहले सरकार द्वारा रविवार को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में विपक्ष ने बिहार में मतदाता सूची के पुनरीक्षण और पहलगाम आतंकवादी हमले सहित विभिन्न मुद्दे उठाए।
सरकार ने सदन के सुचारू संचालन के लिए विपक्षी दलों से सहयोग मांगा।
आम आदमी पार्टी (आप) के नेता संजय सिंह ने संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने बैठक में बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के कथित ‘‘चुनावी घोटाले’’ और भारत तथा पाकिस्तान के बीच ‘‘युद्धविराम’’ की मध्यस्थता को लेकर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दावे का मुद्दा उठाया।
उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) गठबंधन केवल लोकसभा चुनावों के लिए है और ‘आप’ विधानसभा चुनाव अपने दम पर लड़ रही है।
केंद्रीय मंत्री एवं राज्यसभा में सदन के नेता जे.पी. नड्डा की अध्यक्षता में हुई बैठक में विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता शामिल हुए। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू और उनके कनिष्ठ मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने सरकार का प्रतिनिधित्व किया।
कांग्रेस के गौरव गोगोई एवं जयराम रमेश, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा)-शरदचंद्र पवार की सुप्रिया सुले, द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के टी आर बालू और रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (आरपीआई-ए) के नेता एवं केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले बैठक में भाग लेने वाले सांसदों में शामिल रहे।
विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के 24 दलों के प्रमुख नेताओं ने संसद का मानसून सत्र शुरू होने से पहले शनिवार को फैसला किया था कि वे पहलगाम आतंकवादी हमले, ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को अचानक रोके जाने, भारत-पाकिस्तान सैन्य टकराव के बीच मध्यस्थता संबंधी अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दावे, बिहार में जारी विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) और कई अन्य मुद्दों को प्रमुखता से उठाएंगे।
भाषा
सिम्मी नेत्रपाल
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