तिरुवनंतपुरम, 20 जुलाई (भाषा) केरल के सामान्य शिक्षा मंत्री वी. शिवनकुट्टी ने रविवार को राज्य के केंद्रीय विद्यालयों में पाठ्यपुस्तकों की कमी को दूर करने के लिए केंद्र से तत्काल हस्तक्षेप का अनुरोध किया।
उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि प्रधानमंत्री श्री केंद्रीय विद्यालयों में कक्षा पांचवीं और आठवीं के विद्यार्थी कक्षाएं शुरू होने के चार महीने बाद भी आवश्यक पुस्तकों से वंचित हैं।
मंत्री ने एक बयान में कहा कि पहली तिमाही परीक्षाओं में बस कुछ ही दिन शेष हैं और पुस्तकें वितरित करने वाले एनसीईआरटी अधिकारियों की लापरवाही बेहद गंभीर है।
उन्होंने कहा कि केंद्रीय विद्यालयों में कक्षाएं एक अप्रैल से शुरू हुई थीं लेकिन चार महीने बाद भी शिक्षकों को केवल ऑनलाइन अध्ययन सामग्री ही उपलब्ध कराई गई।
मंत्री ने कहा कि छात्र बिना किताबों के परीक्षा नहीं दे पाएंगे क्योंकि उनकी पढ़ाई पर गंभीर असर पड़ रहा है।
शिवनकुट्टी ने राज्य के सरकारी विद्यालयों के साथ तुलना करते हुए कहा कि राज्य के अधिकारियों ने शैक्षणिक वर्ष शुरू होने से पहले ही विद्यालयों में पाठ्यपुस्तकें उपलब्ध करा दी हैं।
शिवनकुट्टी ने आरोप लगाया, “ऐसी स्थिति में, एनसीईआरटी की लापरवाही अस्वीकार्य है। यह कदम किताबों को विद्यालयों में उपलब्ध कराने के बजाय ऑनलाइन मंचों और निजी बुक स्टॉल के माध्यम से वितरित करने का है।”
इससे बच्चों को मूल कीमत से कहीं ज्यादा कीमत पर किताबें खरीदने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।
मंत्री ने कहा कि विद्यार्थियों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार को तत्काल हस्तक्षेप कर पाठ्यपुस्तकें उपलब्ध करानी चाहिए।
भाषा जितेंद्र नेत्रपाल
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