मुंबई, 20 जुलाई (भाषा) महाराष्ट्र के मुंबई स्थित एक उपभोक्ता आयोग ने ऐप्पल इंडिया और क्रोमा को सेवा में त्रुटि का जिम्मेदार ठहराते हुए एक ग्राहक के कानूनी वारिसों को आईफोन की कीमत के 65 हजार 264 रुपये लौटाने का निर्देश दिया है क्योंकि दोनों कंपनियां उपकरण में माइक्रोफोन की खराबी ठीक करने में असफल रहीं आयोग ने इस महीने की शुरुआत में पारित आदेश में कहा कि निर्माता और विक्रेता दोनों ‘‘खराब उपकरण के लिए संयुक्त रूप से और अलग-अलग उत्तरदायी हैं’’ क्योंकि दोनों कंपनियां ग्राहक (अब दिवंगत) द्वारा खरीदे गए उपकरण में कमी को दूर नहीं कर पाईं।
आयोग ने कहा कि विक्रेता (क्रोमा) केवल यह कहकर जिम्मेदारी से बच नहीं सकता कि ‘‘ख़राबी निर्माता की वजह से है।’’
आयोग ने कहा, ‘‘जब सामान उनकी दुकान से बिका तो उन्होंने यह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी ले ली कि सामान किसी भी कमी से मुक्त हो और उपयोग के योग्य भी रहे।’’
आयोग ने कहा कि ‘‘प्रतिनिधि उत्तरदायित्व का सिद्धांत पूरी तरह से लागू होता है’’ क्योंकि विक्रेता पर विश्वास किया जाता है और वह बिक्री से व्यावसायिक लाभ प्राप्त करता है।
शिकायतकर्ता ने चार जून 2021 को मुंबई के एक क्रोमा स्टोर से 65,264 रुपये में आईफोन 11 खरीदा था।
आईफोन खरीदने के कुछ समय बाद ही इसमें समस्या उत्पन्न हो गई क्योंकि कॉल के दौरान उसकी स्पीकरफोन सुविधा काम नहीं कर रही थी।
शिकायतकर्ता ने एप्पल के अधिकृत सेवा केंद्र से संपर्क किया, लेकिन ‘‘उपकरण में अनधिकृत बदलाव’’ के कारण मरम्मत से इनकार कर दिया गया, जिससे यह वारंटी सेवा के लिए अयोग्य हो गया।
बार-बार शिकायत और ईमेल करने के बावजूद प्रतिवादी पक्ष (ऐप्पल इंडिया और क्रोमा) शिकायत का समाधान करने में विफल रहे, जिसके बाद शिकायतकर्ता ने आयोग से संपर्क किया।
इस मामले की कार्यवाही के दौरान ग्राहक का निधन हो गया, लेकिन शिकायत उनके कानूनी वारिसों द्वारा जारी रखी गई।
एप्पल इंडिया लिमिटेड ने अपनी प्रतिक्रिया में खरीद को स्वीकार किया और माइक्रोफोन की समस्या को भी माना। लेकिन उसने फिर से कहा कि उपकरण में अनधिकृत संशोधन हुए हैं, जिससे वारंटी अमान्य हो जाती है।
इन्फीनिटी रिटेल लिमिटेड (क्रोमा) उपस्थित नहीं हुआ और उसके खिलाफ ‘एक्स-पार्टी’ कार्यवाही की गई। ‘एक्स-पार्टी’ का मतलब है जब कोई पक्ष सुनवाई में भाग नहीं लेता, तो मामला सिर्फ दूसरे पक्ष की दलीलों पर तय किया जाता है।
आयोग ने रिकॉर्ड पर उपलब्ध दस्तावेजों की जांच के बाद पाया कि एप्पल ने यह स्पष्ट रूप से निर्दिष्ट नहीं किया कि शिकायतकर्ता ने वारंटी की कौन-सी शर्त या नियम का उल्लंघन किया है।
आयोग ने दोनों प्रतिवादी पक्षों को आदेश दिया कि वे शिकायत की तिथि (6 अगस्त, 2021) से लेकर वास्तविक भुगतान की तारीख तक वार्षिक 6 प्रतिशत ब्याज के साथ आईफोन की कीमत 65,264 रुपये वापिस करें।
भाषा
प्रीति अमित
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