(फाइल फोटो के साथ)
श्रीनगर, 20 जुलाई (भाषा) जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने केंद्र शासित प्रदेश में राज्यसभा सीटों को भरने और दो विधानसभा सीटों पर उपचुनाव कराने में ‘‘अनुचित देरी’’ पर चिंता व्यक्त की है।
राज्यसभा में चार सीटों वाले इस केंद्र शासित प्रदेश का संसद के ऊपरी सदन में 15 फरवरी, 2021 से कोई प्रतिनिधित्व नहीं है, जिस दिन गुलाम नबी आजाद और नजीर अहमद लावे ने अपना कार्यकाल पूरा किया था।
दो अन्य सदस्यों, फैयाज अहमद मीर और शमशेर सिंह मन्हास ने उसी वर्ष 10 फरवरी को अपना कार्यकाल पूरा कर लिया था।
हाल में ‘पीटीआई-भाषा’ के साथ एक साक्षात्कार में अब्दुल्ला ने निर्वाचन आयोग से देरी के कारणों को स्पष्ट करने की मांग करते हुए कहा, ‘हमें समझ नहीं आ रहा है कि इन चुनावों को क्यों टाला जा रहा है।’
वह दो विधानसभा सीटों- जम्मू में नगरोटा और कश्मीर में बडगाम के साथ-साथ राज्यसभा की चार रिक्त सीटों पर उपचुनाव के बारे में पूछे गए सवालों का जवाब दे रहे थे।
नगरोटा सीट भाजपा नेता दविंदर राणा के निधन के बाद रिक्त हो गई थी, जिनका चुनाव परिणाम घोषित होने के तुरंत बाद निधन हो गया था, जबकि कश्मीर क्षेत्र की सीट मुख्यमंत्री द्वारा रिक्त की गई थी, जो गंदेरबल से भी चुनावी मैदान में थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले चुनाव के बाद से जम्मू-कश्मीर विधानसभा के दो सत्र हो चुके हैं, लेकिन अभी तक राज्यसभा सीटों के लिए कोई चुनाव नहीं कराया गया है।
उन्होंने कहा, ‘‘राज्यसभा चुनाव क्यों नहीं हुए? इसमें तो एक दिन लगता है।’’
अब्दुल्ला ने कहा कि 2014 में उनकी सरकार ने भीषण बाढ़ के कारण राज्य चुनाव स्थगित करने का आग्रह किया था लेकिन उन्हें बताया गया था कि ‘किसी भी हालत में’ मतदान स्थगित नहीं किया जा सकता।
अब्दुल्ला ने कहा, ‘आज हम स्थगित करने की मांग नहीं कर रहे हैं। विधानसभा के दो सत्र हो चुके हैं। राज्यसभा चुनाव क्यों नहीं हुए? इसमें एक दिन लगता है।’
उन्होंने राज्यसभा में प्रतिनिधित्व की आवश्यकता पर ज़ोर दिया, चाहे किसी भी दल का हो। उन्होंने उच्च सदन में राज्य के चार प्रतिनिधियों की अनुपस्थिति पर अफसोस जताते हुए कहा, ‘आज, जम्मू-कश्मीर का राज्यसभा में कोई प्रतिनिधित्व नहीं है।’
भाषा आशीष संतोष
संतोष