(तस्वीरों के साथ)
नयी दिल्ली, 20 जुलाई (भाषा)सरकार ने रविवार को संकेत दिया कि वह संसद के आगामी मनसून सत्र में विपक्ष की प्रमुख मांगों में से एक ‘ऑपरेशन सिंदूर’ सहित सभी मुद्दों पर चर्चा को तैयार है।
वहीं, विपक्षी ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस’(इंडिया गठबंधन) ने जोर दिया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को इस मामले के साथ-साथ अमेरिकी राष्ट्रपति के पाकिस्तान के साथ ‘ संघर्ष विराम’ के दावों और बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) पर भी जवाब देना चाहिए।
सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री द्वारा संसद में इन मुद्दों पर स्वयं जवाब देने की संभावना बहुत कम है। हालांकि, संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने जोर देकर कहा कि जब भी भारत-पाकिस्तान संघर्ष पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दावों पर चर्चा होगी, सरकार उचित जवाब देगी।
सत्र में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा ऑपरेशन सिंदूर पर एक विस्तृत बयान दिए जाने की संभावना है। सिंह ने शुक्रवार शाम को अपने मंत्रिमंडलीय सहयोगियों के साथ दो प्रमुख बैठकें कीं और एक अन्य बैठक शीर्ष सैन्य अधिकारियों के साथ की।
राजग सहित कई नेता ऑपरेशन सिंदूर पर विभिन्न संसदीय प्रतिनिधिमंडलों के माध्यम से सरकार की विदेश पहुंच की उपलब्धियों को उजागर करने के लिए चर्चा भी चाहते हैं।
सूत्रों ने बताया कि सरकार संसद में अपना विचार रखने के लिए विदेश मंत्री एस जयशंकर को भी मैदान में उतार सकती है।
सोमवार से शुरू हो रहे सत्र से पहले पारंपरिक सर्वदलीय बैठक के बाद रीजीजू ने संवाददाताओं से कहा कि सरकार ने महीने भर चलने वाले सत्र के दौरान संसद के सुचारू संचालन में विपक्ष से सहयोग मांगा है।
केंद्रीय मंत्री जे पी नड्डा की अध्यक्षता में हुई बैठक के बाद रीजीजू ने संवाददाताओं से कहा कि संसद को सुचारू रूप से चलाने के लिए सरकार और विपक्ष के बीच समन्वय होना चाहिए।
रीजीजू ने कहा कि उन्होंने विपक्ष और सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के घटकों को धैर्यपूर्वक सुना और आशा व्यक्त की कि आगामी सत्र बहुत लाभदायक होगा।
रविवार को हुई सर्वदलीय बैठक में विभिन्न दलों के 54 नेताओं और निर्दलीय संसद सदस्यों ने हिस्सा लिया।
रीजीजू ने कहा, ‘‘हम ऑपरेशन सिंदूर जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा के लिए पूरी तरह तैयार हैं। ये राष्ट्रीय महत्व के मुद्दे हैं। सरकार इससे पीछे नहीं हट रही है और न ही कभी हटेगी, बल्कि नियमों और परंपराओं के दायरे में चर्चा के लिए तैयार है।’’
उन्होंने कहा कि सरकार ‘नियम’ और ‘परंपरा’को महत्व देती है। बैठक में उठाए गए मुद्दों को दोनों सदनों की कार्य मंत्रणा समिति में उठाया जाएगा, जहां अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
संसदीय कार्यमंत्री ने कहा, ‘‘हमने सभी बिंदुओं पर गौर किया है। हमने सभी दलों से अनुरोध किया है कि वे संसद की कार्यवाही सुचारू रूप से चलने दें। समन्वय सुनिश्चित करना होगा। संसद की सुचारु कार्यवाही सभी की जिम्मेदारी है।’’
रीजीजू ने कहा कि सरकार ने कम सांसदों वाले दलों को संसद में बोलने के लिए अधिक समय आवंटित करने की मांग पर गौर किया है। उन्होंने कहा, ‘‘हम छोटे दलों सहित सभी को पर्याप्त समय देने का प्रयास करेंगे।’’
विपक्ष द्वारा पहलगाम हमले सहित अन्य मुद्दों पर प्रधानमंत्री मोदी के बयान की मांग को लेकर रीजीजू ने कहा, ‘‘मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि प्रधानमंत्री विदेश यात्रा के अलावा संसद में ही रहते हैं। प्रधानमंत्री हमेशा संसद में रहते हैं, लेकिन प्रधानमंत्री हर समय सदन में नहीं रहते।’’
उन्होंने कहा, ‘‘जब भी संसद चलती है, कैबिनेट मंत्री अपने विभागों से संबंधित मुद्दों पर जवाब देने के लिए उपस्थित रहते हैं।’’
रीजीजू ने कहा कि सरकार 17 प्रमुख विधेयक ला रही है, जिनका विवरण जल्द ही उपलब्ध कराया जाएगा।
सूत्रों ने बताया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सहयोगी दल भी चाहते हैं कि विभिन्न देशों के प्रतिनिधिमंडलों के दौरे के बाद सरकार की उपलब्धियों को उजागर करने के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चर्चा होनी चाहिए।
कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा कि उनकी पार्टी ट्रंप के दावों, उन ‘‘चूकों’’ जिनके कारण पहलगाम हमला हुआ और बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा बयान दिए जाने की मांग करती है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी का यह दायित्व है कि वह इन प्रमुख मुद्दों पर संसद में बयान दें। गोगोई ने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि प्रधानमंत्री अपना नैतिक दायित्व निभाएंगे।’’
कांग्रेस नेता ने कहा कि एसआईआर और निर्वाचन आयोग पर सवाल उठाए गए हैं और जवाब न देने से चुनाव प्रक्रिया तथा भविष्य के चुनावों की निष्पक्षता पर संदेह पैदा होगा। उन्होंने कहा कि संसद में सरकार का रुख स्पष्ट करना प्रधानमंत्री का कर्तव्य है।
गोगोई ने सशस्त्र बलों के कई अधिकारियों द्वारा चीन और पाकिस्तान द्वारा दोतरफा हमले का मुद्दा उठाए जाने का भी ज़िक्र किया और इस पर चर्चा की मांग की। उन्होंने कहा कि रक्षा और विदेश नीति तथा रक्षा बजट आवंटन पर चर्चा जरूरी है और प्रधानमंत्री को इस पर जवाब देना चाहिए।
गोगोई ने मणिपुर की स्थिति पर भी चर्चा की मांग करते हुए कहा, ‘‘वहां ढाई साल बाद भी हिंसा खत्म नहीं हुई है। प्रधानमंत्री कई छोटे देशों का दौरा कर चुके हैं, लेकिन मणिपुर जैसे छोटे राज्य में जाने से बच रहे हैं।’’
आम आदमी पार्टी (आप) के नेता संजय सिंह ने संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने बैठक में बिहार में एसआईआर के कथित ‘‘चुनावी घोटाले’’ और भारत एवं पाकिस्तान के बीच ‘‘संघर्षविराम कराने में’’ मध्यस्थता संबंधी अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दावे का मुद्दा उठाया।
उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) केवल लोकसभा चुनावों के लिए है और ‘आप’ विधानसभा चुनाव अपने दम पर लड़ रही है। पार्टी ने विपक्षी गठबंधन की शनिवार को हुई ऑनलाइन बैठक से भी दूरी बनाए रखी।
जनत दल यूनाइटेड नेता संजय कुमार झा ने कहा कि उनकी पार्टी का मानना है कि प्रत्येक नागरिक को मतदान का अधिकार होना चाहिए और इसके लिए जागरूकता अभियान शुरू किया गया है।
उन्होंने कहा, ‘‘हमें खबर मिली है कि लोगों को इससे (बिहार में एसआईआर) कोई समस्या नहीं है। अगर कोई समस्या है तो हम निर्वाचन आयोग से मिलेंगे…।’’
समाजवादी पार्टी(सपा) के नेता राम गोपाल यादव ने कहा कि पहलगाम में खुफिया विफलता की जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल द्वारा स्वीकारोक्ति एक ‘गंभीर मुद्दा’ है। उन्होंने कहा कि भारत ने पाकिस्तान पर किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता की कभी अनुमति नहीं दी है और ट्रंप के दावों पर सरकार को स्पष्टीकरण देना चाहिए।
यादव ने दावा किया, ‘‘हमारी विदेश नीति पूरी तरह विफल रही है…ऑपरेशन सिंदूर पर किसी भी देश ने भारत का समर्थन नहीं किया। 1965, 1971 और कारगिल युद्धों के बाद कोई भी मुस्लिम देश हमारे खिलाफ नहीं था, लेकिन अब कोई भी देश हमारे साथ नहीं है। हमारी विदेश नीति इतनी असफल कभी नहीं रही।’’
सपा सांसद ने कहा कि जिस तरह से एसआईआर किया जा रहा है, उससे बिहार में लोकतंत्र ‘खतरे में है’, क्योंकि निर्वाचन आयोग या सरकार को किसी को भी वोट देने के अधिकार से वंचित करने का अधिकार नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘लेकिन बिहार में करोड़ों लोगों को वोट देने के अधिकार से वंचित किया जा रहा है।’’
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-शरदचंद्र पवार (राकांपा-एसपी)की नेता सुप्रिया सुले ने मांग की कि प्रधानमंत्री पहलगाम हमले, ऑपरेशन सिंदूर और बिहार के एसआईआर के मुद्दों पर संसद में जवाब दें।
उन्होंने कहा, ‘‘यदि प्रधानमंत्री संसद में इन मुद्दों पर बोलेंगे तो सभी को अच्छा लगेगा।’’
बीजू जनता दल (बीजद) के नेता सस्मित पात्रा ने कहा कि राज्यों में कानून-व्यवस्था की विफलता की जिम्मेदारी से केंद्र बच नहीं सकता और आगामी संसद सत्र में इस पर बहस होनी चाहिए।
उन्होंने ओडिशा में एक कॉलेज छात्रा द्वारा आत्मदाह किए जाने और 15 वर्षीय किशोरी को कुछ लोगों द्वारा आग लगाए जाने की घटनाओं का जिक्र करते हुए यह बात कही।
पात्रा ने कहा कि ओडिशा में कानून-व्यवस्था ‘‘पूरी तरह ध्वस्त’’ हो गई है और वहां की भाजपा सरकार ‘‘असहाय’’ एवं ‘‘विफल’’ हो गई है।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के जॉन ब्रिटास ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को ऑपरेशन सिंदूर और पहलगाम आतंकवादी हमले संबंधी ट्रंप के दावों पर संसद में बयान देना चाहिए।
नेशनल कॉन्फ्रेंस के सांसद अल्ताफ हुसैन ने कहा कि उन्होंने जम्मू-कश्मीर का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा, ‘‘पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद, जम्मू-कश्मीर की मौजूदा स्थिति वैसी नहीं है जैसी देश के लोगों को दिखाई जा रही है। मैंने सरकार से यह सुनिश्चित करने को कहा कि निर्दोष स्थानीय लोगों को परेशानी न हो।’’
नेशनल कांफ्रेंस के सांसद अल्ताफ हुसैन ने कहा कि उन्होंने जम्मू-कश्मीर का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा, ‘‘पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद, जम्मू-कश्मीर की मौजूदा स्थिति वैसी नहीं है जैसी देश के लोगों को दिखाई जा रही है। मैंने सरकार से यह सुनिश्चित करने को कहा कि निर्दोष स्थानीय लोगों को परेशानी न हो।’’
बैठक में कांग्रेस के गौरव गोगोई एवं जयराम रमेश, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा)-शरदचंद्र पवार की सुप्रिया सुले, द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के टी आर बालू और तिरुचि शिवा, ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) एम थम्बीदुरई, शिरोमणि अकाली दल (शिअद) की हरसिमरत बादल, समाजवादी पार्टी के नेता राम गोपाल यादव, रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (आरपीआई-ए) के नेता एवं केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले बैठक में भाग लेने वाले सांसदों में शामिल रहे।
भाषा धीरज नरेश
नरेश