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Monday, July 21, 2025

सर्वदलीय बैठक में बीजद ने राज्यों में बिगड़ती कानून व्यवस्था पर संसद में चर्चा की मांग की

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नयी दिल्ली, 20 जुलाई (भाषा) क्षेत्रीय दलों ने संसद के मानसून सत्र की पूर्व संध्या पर रविवार को यहां एक सर्वदलीय बैठक में राज्य-विशिष्ट विभिन्न मुद्दे उठाए, जिसमें बीजू जनता दल (बीजद) ने ओडिशा सहित कई राज्यों में ‘‘बिगड़ती’’ कानून व्यवस्था पर चर्चा की मांग की।

बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए बीजद के राज्यसभा सदस्य और प्रवक्ता सस्मित पात्रा ने भाजपा शासन में ओडिशा में ‘‘पूर्ण अराजकता और महिलाओं के खिलाफ अपराध में वृद्धि होने’’ का आरोप लगाया।

उन्होंने कहा, ‘‘शनिवार को ओडिशा के पुरी जिले में कुछ बदमाशों ने 15 वर्षीय एक किशोरी को आग लगा दी। उसकी हालत गंभीर है और उसका एम्स, भुवनेश्वर में इलाज चल रहा है। बालासोर जिले में एक बीएड छात्रा द्वारा आत्मदाह की हालिया घटना ने पूरे देश की अंतरात्मा को झकझोर दिया।’’

उन्होंने कहा, ‘‘करीब एक महीने पहले, ओडिशा के गोपालपुर समुद्र तट पर 20 वर्षीय एक कॉलेज छात्रा के साथ सामूहिक बलात्कार हुआ था। मैं ओडिशा में महिलाओं और बच्चियों के खिलाफ हो रहे जघन्य अपराधों के बारे में बहुत कुछ कह सकता हूं, जबकि राज्य की भाजपा सरकार असहाय, पूरी तरह भ्रमित और पूरी तरह से नाकाम है।’’

बीजद सांसद ने भुवनेश्वर नगर निगम के अतिरिक्त आयुक्त रत्नाकर साहू पर हमले के एक हालिया मामले का भी हवाला दिया और कहा कि यह घटना प्रदर्शित करती है कि ओडिशा में भाजपा सरकार राज्य में किस तरह ‘‘पूर्ण अराजकता’’ के साथ काम कर रही है।

पात्रा ने दावा किया कि अन्य राज्यों में भी कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ रही है। उन्होंने कहा, ‘‘हमने विशेष रूप से मांग की है कि राज्यों में बिगड़ती कानून व्यवस्था की स्थिति पर व्यापक चर्चा कराई जाए।’’

उन्होंने कहा, ‘‘सरकार (केंद्र) केवल यह कहकर इस मुद्दे से बच नहीं सकती कि कानून व्यवस्था राज्य का विषय है। ओडिशा में डबल इंजन वाली सरकार है। इसलिए, वह(केंद्र) भी जवाबदेह है।’’

पात्रा ने कहा कि बीजद संसद के मानसून सत्र के दौरान पुरी रथयात्रा भगदड़ की घटना सहित कई अन्य मुद्दे उठाएगी।

बैठक में, सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के घटक दल तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद विभिन्न देशों में सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों की यात्रा पर चर्चा कराने का प्रस्ताव रखा।

उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमने संसद में चर्चा के लिए कुछ विषय प्रस्तावित किए हैं। हमने सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों की विदेश यात्राओं और उनकी प्रतिक्रिया पर चर्चा का प्रस्ताव रखा है। हम प्रधानमंत्री धन-धान्य योजना, जल जीवन मिशन, गोदावरी और कृष्णा नदियों को जोड़ने और पीएलआई योजना की अपार सफलता पर भी चर्चा चाहते हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमने महिलाओं के खिलाफ ऑनलाइन (प्लेटफॉर्म पर) आपत्तिजनक शब्दों के इस्तेमाल और महिला आरक्षण विधेयक पर भी चर्चा का अनुरोध किया है।’’

बैठक में शामिल झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) की राज्यसभा सदस्य महुआ माझी ने कहा कि उनकी पार्टी महिला आरक्षण कानून पर भी चर्चा की मांग करती है। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘सरकार को यह स्पष्ट करना चाहिए कि इसे कब लागू किया जाएगा।’’

वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के सांसद मदिला गुरुमूर्ति ने कहा कि उनकी पार्टी ने तेदेपा शासन के तहत ‘‘आंध्र प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति खराब होने और भ्रष्टाचार’’ सहित विभिन्न मुद्दे उठाए।

अन्नाद्रमुक के राज्यसभा सदस्य एम थंबीदुरई ने कहा कि उनकी पार्टी ने तमिलनाडु में ‘‘हिरासत में मौत’’ और मछुआरों के खिलाफ श्रीलंका सरकार की कार्रवाई जैसे मुद्दे उठाए।

उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी ने तमिलनाडु में मादक पदार्थों के कारण उत्पन्न खतरे का मुद्दा भी उठाया और महिला आरक्षण कानून को लागू करने की मांग की।

भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के राज्यसभा सदस्य के आर सुरेश रेड्डी ने कहा कि उनकी पार्टी ने गोदावरी-कृष्णा नदियों को जोड़ने, कृषि संकट और तेलंगाना में उर्वरकों की ‘‘कमी’’ पर चर्चा की मांग की। उन्होंने संसद में बोलने के लिए क्षेत्रीय दलों को पर्याप्त समय देने का सरकार से आग्रह किया।

उन्होंने कहा, ‘‘हमने परिसीमन के मुद्दे पर भी चर्चा की मांग की। दक्षिण भारत में यह एक बड़ी चिंता का विषय है। सरकार को यह बताना चाहिए कि परिसीमन कैसे किया जाएगा और यह आश्वासन देना चाहिए कि इससे दक्षिणी राज्यों में सीटों की संख्या में कमी नहीं आएगी।’’

भाषा सुभाष नरेश

नरेश

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