कोच्चि, 20 जुलाई (भाषा) श्री नारायण धर्म परिपालन (एसएनडीपी) योगम के महासचिव वेल्लप्पल्ली नटेसन ने रविवार को कहा कि वह ‘‘किसी विशेष समुदाय के खिलाफ नहीं हैं’’, लेकिन सामाजिक न्याय सुनिश्चित करने के लिए हमेशा बोलते रहेंगे।
अपने सम्मान में आयोजित एक समारोह में नटेसन ने कहा कि मुस्लिम समुदाय, ‘‘आंतरिक मतभेदों के बावजूद’’, एकजुट होने और एक मजबूत वोट बैंक के रूप में खुद को संगठित करने में सफल रहा है।
एसएनडीपी के महासचिव ने कहा कि वह किसी विशेष समुदाय के खिलाफ नहीं हैं, बल्कि हमेशा सामाजिक न्याय के हित में बोलते रहेंगे।
उन्होंने कहा कि मुस्लिम और ईसाई दोनों समुदायों ने एक साथ आकर प्रगति की है और इसलिए, ‘‘एझावा समुदाय को उनसे सीखना चाहिए।’’
उनकी यह टिप्पणी उस दावे के एक दिन बाद आई है जिसमें उन्होंने कहा था कि केरल में मुस्लिम समुदाय जल्द ही बहुसंख्यक बन जाएगा।
नटेसन ने कांग्रेस के नेतृत्व वाले संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) के एक प्रमुख घटक इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) की भी आलोचना की, क्योंकि ‘‘यह लीग स्वयं को धर्मनिरपेक्ष कहती है, जबकि इसमें अन्य समुदायों से कोई पदाधिकारी, सांसद या विधायक नहीं हैं।’’
इसके विपरीत, उन्होंने दावा किया कि कई मुसलमान एसएनडीपी का हिस्सा थे।
उन्होंने दावा किया कि मलप्पुरम जिले में एझावा समुदाय के पास एक भी स्कूल नहीं है और इसे सार्वजनिक रूप से कहने पर उनकी काफी आलोचना हुई।
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे इसकी परवाह नहीं है कि मेरा पुतला जलाया जाए या नहीं – मैं अपना रुख नहीं बदलूंगा।’’
इस बीच, कार्यक्रम में शामिल हुए कांग्रेस और भाजपा के नेताओं ने नटेसन के नेतृत्व की प्रशंसा की।
कांग्रेस विधायक के. बाबू ने भी कहा कि नटेसन को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन वह दृढ़ रहे और उन्होंने संगठन को मजबूत किया।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि ‘‘तुष्टिकरण की राजनीति’’ के युग में, नटेसन ‘‘लगातार और साहसपूर्वक अपने समुदाय के अधिकारों के लिए खड़े रहे’’। उन्होंने कहा कि केरल के सामाजिक और सांस्कृतिक परिदृश्य में उनका योगदान ‘‘अमूल्य’’ है।
इस वर्ष अप्रैल में, नटेसन ने मलप्पुरम को एक अलग राष्ट्र या कुछ लोगों का विशिष्ट राज्य बताया था और दावा किया था कि ‘‘पिछड़े समुदायों के लोग वहां भय में रहते हैं।’’
एसएनडीपी योगम केरल में एझावा समुदाय का प्रतिनिधित्व करता है।
भाषा
देवेंद्र नरेश
नरेश