मुंबई, 20 जुलाई (भाषा) राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) की महाराष्ट्र इकाई के नवनियुक्त अध्यक्ष शशिकांत शिंदे ने रविवार को कहा कि पार्टी कठिन दौर से गुजर रही है और राज्य में आगामी स्थानीय निकाय चुनाव पार्टी कार्यकर्ताओं के संकल्प की परीक्षा लेंगे।
शिंदे की यह टिप्पणी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के दो गुटों, क्रमशः शरद पवार और उपमुख्यमंत्री अजित पवार के बीच संभावित विलय के बारे में बार-बार लगायी जा रही अटकलों की पृष्ठभूमि में आई है।
पूर्व मंत्री एवं विधान परिषद सदस्य शिंदे ने हाल ही में राकांपा (शरदचंद्र पवार) की महाराष्ट्र प्रदेश इकाई के अध्यक्ष के रूप में जयंत पाटिल की जगह ली। शिंदे ने यह जिम्मेदारी पार्टी के 2024 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में हारने के कुछ महीने बाद संभाली है।
खराब चुनावी प्रदर्शन के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘राकांपा (शरदचंद्र पवार) कठिन दौर से गुजर रही है। मैं पार्टी कार्यकर्ताओं का आत्मविश्वास बढ़ाने को प्राथमिकता दूंगा। पार्टी महायुति सरकार की अन्यायपूर्ण नीतियों के खिलाफ जनता की आवाज उठाएगी।’’
शरद पवार के नेतृत्व वाली राकांपा ने चुनाव में 86 सीट पर चुनाव लड़ा था, जिनमें से केवल 10 सीट ही जीत पायी थी जबकि अजित पवार की पार्टी राकांपा ने 41 सीट जीती थीं।
शिंदे ने कहा कि वह शरद पवार, राकांपा (शरदचंद्र पवार) की कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले और जयंत पाटिल के साथ विचार-विमर्श करके काम करेंगे।
शरद पवार के विधायक पोते रोहित पवार और जयंत पाटिल के बीच मतभेद की खबरों के बारे में पूछे जाने पर, शिंदे ने कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच कई मुद्दों पर मतभेद हो सकते हैं।
हाल ही में, राकांपा महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष सुनील तटकरे ने कहा था कि अगर राकांपा (शरदचंद्र पवार) के साथ विलय की संभावना बनती है, तो राकांपा को भाजपा से परामर्श करना होगा।
राकांपा (शरदचंद्र पवार) के राजनीतिक भविष्य को लेकर जारी अटकलों पर प्रतिक्रिया देते हुए, शिंदे ने कहा कि इस तरह की बातें पार्टी कार्यकर्ताओं और लोगों के मन में भ्रम पैदा करती हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हमारे नेता पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं और हम इसे बार-बार नहीं दोहराएंगे।’’
शिंदे ने कहा कि राकांपा (शरदचंद्र पवार) अपनी स्थानीय इकाइयों को आगामी स्थानीय निकाय चुनाव जीतने की रणनीति तय करने के लिए अधिकृत करेगी। उन्होंने कहा, ‘‘हम ज़्यादा से ज़्यादा सीट जीतने की कोशिश करेंगे।’
उन्होंने कहा कि अगर चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से हुए, तो नतीजे उत्साहजनक होंगे। उन्होंने कहा, ‘‘लोग पहले से ही इस बारे में बात कर रहे हैं कि (चुनाव के दौरान) ईवीएम के साथ क्या होगा और अगर वार्ड परिसीमन कुछ पार्टियों के अनुरूप किया गया, तो क्या होगा।’’
भाषा अमित रंजन
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