नयी दिल्ली, 20 जुलाई (भाषा) संसद के मानसून सत्र की पूर्व संध्या पर रविवार को उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सार्थक और गंभीर चर्चा के लिए राजनीतिक दलों के बीच सौहार्दपूर्ण माहौल का आह्वान किया और सांसदों से अनुचित शब्दों का प्रयोग करने से बचने की अपील की।
राज्यसभा के सभापति धनखड़ ने कहा कि सुधार के लिए सुझाव देना निंदा या आलोचना नहीं है तथा पार्टियों को रचनात्मक राजनीति करनी चाहिए।
यहां राज्यसभा ‘इंटर्न’ के एक समूह को संबोधित करते हुए उन्होंने टेलीविजन परिचर्चाओं में तीखी नोकझोंक होने का जिक्र किया और कहा, ‘‘हम इस तरह की चीजों से आजिज आ गए हैं।’’
धनखड़ ने आश्चर्य जताते हुए कहा, ‘‘हमारे बीच मतभेद हो सकते हैं, असहमतियां हो सकती हैं, लेकिन हमारे दिलों में कड़वाहट कैसे हो सकती है?’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं राजनीति के क्षेत्र के सभी लोगों से अपील करता हूं, कृपया एक-दूसरे का सम्मान करें। कृपया टेलीविजन पर या किसी भी पार्टी के नेतृत्व के खिलाफ अभद्र भाषा का प्रयोग न करें। यह हमारी सभ्यता का सार नहीं है।’’
सोमवार से शुरू हो रहे मानसून सत्र में सार्थक चर्चा की आवश्यकता को रेखांकित करते हुए, धनखड़ ने कहा, ‘‘हमें अपने दृष्टिकोण पर विश्वास रखना होगा। लेकिन हमें दूसरे के दृष्टिकोण का भी सम्मान करना होगा।’’
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