नयी दिल्ली, 20 जुलाई (भाषा) रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (आरएसपी) सांसद एन के प्रेमचंद्रन ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की उस टिप्पणी का रविवार को बचाव किया जिसमें उन्होंने कहा था कि वह आरएसएस और माकपा से वैचारिक रूप से लड़ते हैं। प्रेमचंद्रन ने कहा कि इसमें कुछ भी विवादास्पद नहीं है।
प्रेमचंद्रन की पार्टी केरल में कांग्रेस के नेतृत्व वाले संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) की सहयोगी है। प्रेमचंद्रन ने कहा, ‘‘इसमें कुछ भी विवादास्पद नहीं है, क्योंकि राहुल गांधी ने जो कहा है, वह वस्तुस्थिति है। यह दो राजनीतिक दलों या दो संगठनों के बारे में एक अवलोकन है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह कैसे कहा जा सकता है कि दोनों संगठन (आरएसएस और माकपा) एक जैसे या समान हैं? यह राहुल गांधी की टिप्पणी की गलत व्याख्या है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘वास्तव में उन्होंने जो कहा है, जैसा कि हमने मीडिया में पढ़ा है, वह यह है कि आरएसएस और माकपा वास्तविक तथ्यात्मक स्थिति को नहीं समझ रहे हैं। इसमें गलत क्या है?’’
राहुल गांधी ने केरल के कोट्टायम में शुक्रवार को कहा, ‘‘मैं आरएसएस और माकपा से वैचारिक स्तर पर लड़ता हूं, लेकिन मेरी सबसे बड़ी शिकायत यह है कि इन दोनों को लोगों की कोई परवाह नहीं है।’’
माकपा महासचिव एम ए बेबी ने गांधी की इस टिप्पणी की कड़ी आलोचना की और कहा कि यह बयान केरल और भारत में माकपा और आरएसएस की भूमिका की सही समझ के अभाव को दर्शाता है। उन्होंने यह भी कहा कि केरल के संदर्भ में यह बयान दुर्भाग्यपूर्ण है, जहां माकपा वैचारिक और राजनीतिक रूप से आरएसएस से लड़ने में सबसे आगे रही है।
कांग्रेस नेता शशि थरूर की इस टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर कि राष्ट्र सर्वोपरि है और पार्टियां देश को बेहतर बनाने का माध्यम हैं, प्रेमचंद्रन ने कहा कि हर पार्टी राष्ट्रहित के लिए खड़ी है।
उन्होंने कहा, ‘‘मेरा कहना है कि हर पार्टी राष्ट्रहित और जनता के हित के लिए खड़ी है। यही एक राजनीतिक दल की मूल अवधारणा और उद्देश्य है।’’
आरएसपी नेता ने कहा, ‘‘अगर ऐसा है, तो राजनीतिक दल का हित राष्ट्रहित के विरुद्ध कैसे हो सकता है? राष्ट्रहित हर राजनीतिक दल की प्रमुख जिम्मेदारी या प्रमुख मिशन है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘तो कांग्रेस राष्ट्रीय हित के लिए खड़ी है। वह भारत की राजनीतिक आज़ादी के लिए खड़ी थी और उसके बाद छह दशकों से ज़्यादा समय तक कांग्रेस ने इस देश पर शासन किया है। यह राष्ट्र की भलाई के लिए है।’’
उन्होंने सवाल किया कि थरूर क्या कहना चाह रहे थे।
उन्होंने कहा, ‘‘इसका परोक्ष रूप से मतलब है कि कांग्रेस पार्टी का राष्ट्रीय हित नहीं है, उनका राष्ट्रीय हित है। यही मेरी व्याख्या है।’’ उन्होंने कहा कि यह सही नहीं है।
तिरुवनंतपुरम से कांग्रेस सांसद थरूर ने शनिवार को कोच्चि में एक निजी कार्यक्रम में कहा कि किसी भी पार्टी का उद्देश्य एक बेहतर भारत का निर्माण करना है और पार्टियों को इस बात पर असहमत होने का पूरा अधिकार है कि ऐसा करने का सबसे अच्छा तरीका क्या है।
उन्होंने कहा था कि वह देश की सशस्त्र सेनाओं और सरकार का समर्थन करने के अपने रुख पर अड़े रहेंगे, क्योंकि उनका मानना है कि ‘‘यह देश के लिए सही बात है।’’
भाषा अमित नरेश
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