शिमला, 20 जुलाई (भाषा) हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के आपदा प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण कर रही केंद्रीय टीम ने अपना दौरा पूरा कर लिया है और वह जल्द ही अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर ने रविवार को यह जानकारी दी।
तीस जून और एक जुलाई की मध्य रात्रि को मंडी जिले के कई इलाकों में बादल फटने से आई बाढ़ और भूस्खलन के कारण 15 लोगों की मौत हो गई थी और 27 अन्य लोग अभी भी लापता हैं। इस आपदा में लगभग 854 घरों को भारी नुकसान पहुंचा था और 857 मवेशी मारे गए थे।
ठाकुर केंद्रीय टीम के साथ अपने विधानसभा क्षेत्र सेराज के वर्षा प्रभावित इलाकों का दौरा करने गए थे। ठाकुर ने बताया कि अधिकारियों ने बगस्याड़, थुनाग, देजी गांव, लंबाथाट, पांडव शिला और झेंजली इलाकों का दौरा किया और नुकसान का ब्यौरा इकट्ठा किया। उन्होंने बताया कि हालांकि, सड़कें अभी भी बंद होने के कारण टीम कुछ अन्य इलाकों का दौरा नहीं कर सकी।
ठाकुर ने कहा कि वह स्वयं दिल्ली जाकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को भारी नुकसान से अवगत कराएंगे और यथासंभव सहायता उपलब्ध कराने का अनुरोध करेंगे। ठाकुर ने कहा कि उन्होंने इस बारे में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री से बात कर ली है।
इस बीच, अचानक आई बाढ़ में बह गए 27 लोगों का पता लगाने के लिए तलाशी अभियान अभी भी जारी है।
इस प्राकृतिक आपदा से सड़कों, पानी और बिजली योजनाओं और संपत्ति को भी भारी नुकसान हुआ है।
ठाकुर ने कहा कि अकेले सिराज निर्वाचन क्षेत्र में लगभग 1,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि नाचन, धर्मपुर और करसोग निर्वाचन क्षेत्रों में भी भारी नुकसान हुआ है और सड़कों, पानी और बिजली आपूर्ति की बहाली केवल अस्थायी आधार पर की गई है, जबकि कुछ सड़कें अभी भी खोली जानी हैं।
उन्होंने राहत और बहाली कार्यों के लिए उदार वित्तीय सहायता प्रदान करने के अलावा, प्रभावित परिवारों के पुनर्वास के लिए एक ठोस योजना तैयार करने की आवश्यकता पर भी बल दिया।
भाषा अमित नरेश
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