पटना, 20 जुलाई (भाषा) पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने रविवार को कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को जनता दल (यूनाइटेड) की बागडोर छोड़ देनी चाहिए क्योंकि पार्टी को अपने शीर्ष नेता के बेटे निशांत से ‘‘नयी उम्मीदें’’ हैं।
कुशवाहा ने दो साल पहले जद(यू) से नाता तोड़ लिया था। उन्होंने अपनी नयी पार्टी राष्ट्रीय लोक मोर्चा का गठन किया है।
उन्होंने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में नीतीश के बेटे को जन्मदिन की बधाई दी।
राज्यसभा सदस्य ने कहा, ‘‘मीडिया/सोशल मीडिया से जानकारी मिली है कि आज आदरणीय बड़े भाई नीतीश कुमार जी के बेटे निशांत का जन्मदिन है। खुशी के इस अवसर पर जद(यू) की नयी उम्मीद निशांत को जन्मदिन की ढेर सारी शुभकामनाएं।’’
जद(यू) में कम से कम तीन बार अंदर-बाहर हुए कुशवाहा ने कहा, ‘‘इस अवसर पर आदरणीय नीतीश कुमार जी से अति विनम्र आग्रह है कि समय और परिस्थिति की नजाकत को समझते हुए इस सच को स्वीकार करने की कृपा करें कि अब सरकार और पार्टी दोनों का (साथ-साथ) संचालन स्वयं उनके लिए भी उचित नहीं है।’’
हालांकि, राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सहयोगी ने स्पष्ट किया कि वह ऐसा सुझाव नहीं दे रहे हैं कि 75 वर्षीय नीतीश, जिन्हें राजग ने आगामी विधानसभा चुनावों के लिए अपना ‘‘चेहरा’’ घोषित किया है, मुख्यमंत्री पद छोड़ दें।
कुशवाहा ने कहा, ‘‘सरकार चलाने का उनका (नीतीश का) लंबा अनुभव है, जिसका लाभ राज्य को आगे भी मिले, यह फिलहाल राज्य के हित में अति आवश्यक है। लेकिन पार्टी की बागडोर के हस्तांतरण के बारे में समय रहते ठोस फैसला लेने की जरूरत है। यह केवला मेरा नहीं, बल्कि जद(यू) के हजारों कार्यकर्ताओं का विचार है।’’
उन्होंने कहा कि इस संबंध में निर्णय लेने में किसी भी प्रकार की देरी से पार्टी को अपूरणीय क्षति होगी।
कुशवाहा ने कहा, ‘‘मैं जो कुछ कह रहा हूं, जद(यू) के नेता शायद मुख्यमंत्री जी से कह नहीं पाएंगे और कुछ लोग यह कह भी सकते हैं, तो वैसे लोग वहां तक पहुंच ही नहीं पाते होंगे।’’
कुशवाहा, जो 2023 में अपने इस्तीफे तक पार्टी के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष थे, ने आरोप लगाया था कि कुमार ने अपने कट्टर प्रतिद्वंद्वी लालू प्रसाद की राजद के साथ विलय के लिए एक ‘‘सौदेबाजी’’ की है।
एक साल बाद, नीतीश ने राजद से नाता तोड़ लिया और भाजपा के नेतृत्व वाले राजग में वापस आ गए।
कुशवाहा के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए, जदयू के मुख्य प्रवक्ता और विधान पार्षद नीरज कुमार ने कहा, ‘‘पार्टी का हर कार्यकर्ता नीतीश कुमार के साथ खड़ा है और उनके नेतृत्व पर पूरा भरोसा है। निशांत के मामले में, केवल वह और उनके पिता ही कोई फैसला ले सकते हैं।’’
कुशवाहा 2003 में जदयू(यू) की स्थापना के समय से ही इसमें शामिल थे, जब नीतीश ने राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता पद के लिए उनका समर्थन किया था।
कुछ साल बाद, नीतीश के मुख्यमंत्री बनने के बाद कुशवाहा ने अलग होकर राष्ट्रीय समता पार्टी का गठन किया था।
भाषा सुभाष नरेश
नरेश