मजरा (सीरिया), 20 जुलाई (एपी) सीरिया के सशस्त्र बेदुइन कबीलों ने रविवार को घोषणा की कि वे एक सप्ताह से अधिक समय तक चले संघर्ष के बाद अमेरिका की मध्यस्थता में हुए संघर्षविराम समझौते के तहत ड्रूज बहुल स्वेदा शहर से हट गए हैं।
इसके साथ ही मानवीय सहायता काफिले शहर में प्रवेश करने लगे हैं।
ड्रूज धार्मिक अल्पसंख्यकों और सुन्नी मुस्लिम गुटों के मिलिशिया के बीच संघर्ष में सैकड़ों लोग मारे गए हैं। पहले से ही संकट से जूझ रहे सीरिया में इस संघर्ष के कारण हालात और बिगड़ने का खतरा पैदा हो गया है।
इजराइल ने ड्रूज बहुल स्वेदा प्रांत में दर्जनों हवाई हमले भी किए जिनमें उन सरकारी बलों को निशाना बनाया गया, जिन्होंने बेदुइन का प्रभावी रूप से पक्ष लिया था।
इन झड़पों के परिणामस्वरूप ड्रूज समुदाय के विरुद्ध लगातार एक के बाद एक लक्षित सांप्रदायिक हमले शुरू हो गए, जिसके बाद बेदुइन के विरुद्ध बदला लेने के लिए हमले किए गए।
प्रांत के विभिन्न कस्बों और गांवों में एक के बाद एक हो रही अपहरण की घटनाओं के कारण झड़प शुरू हुईं, जो बाद में शहर में फैल गईं।
बृहस्पतिवार को फिर से शुरू हुई लड़ाई को रोकने के लिए सरकारी बलों को फिर से तैनात किया गया तथा बाद में उन्हें वापस बुला लिया गया।
बेदुइनों के प्रति अधिक सहानुभूति रखने वाले अंतरिम राष्ट्रपति अहमद अल-शरा ने मिलिशिया की आलोचना की थी। बाद में उन्होंने बेदुइनों से शहर छोड़ने का आग्रह करते हुए कहा कि वे ‘देश के मामलों को संभालने और सुरक्षा बहाल करने में सरकार की भूमिका की जगह नहीं ले सकते।’
उन्होंने शनिवार को प्रसारित अपने संबोधन में कहा, ‘हम बेदुइन लोगों को उनके वीरतापूर्ण रुख के लिए धन्यवाद देते हैं, लेकिन मांग करते हैं कि वे संघर्षविराम को लेकर पूरी तरह प्रतिबद्ध दिखाएं और सरकारी आदेशों का पालन करें।’
दर्जनों हथियारबंद बेदुइन लड़ाके और देश भर से आए अन्य गुट (जो उनका समर्थन करने आए थे) शहर के बाहरी इलाके में डटे रहे और सरकारी सुरक्षा बलों और सैन्य पुलिस ने उन्हें घेर लिया। उन्होंने आध्यात्मिक नेता शेख हिकमत अल-हिजरी के प्रति वफादार ड्रूज गुटों पर यह झड़प शुरू करने और बेदुइन परिवारों को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया।
पूर्वी देर अल-जौर प्रांत से अन्य कबायलियों के साथ दक्षिणी प्रांत में आए खालिद अल-मोहम्मद ने ‘एसोसिएटेड प्रेस’ को बताया ‘हम तब तक नहीं जाएंगे जब तक वह उन लोगों के साथ आत्मसमर्पण नहीं कर देता, जिन्होंने उनके साथ मिलकर देशद्रोह भड़काने की कोशिश की थी। इसके बाद ही हम घर जाएंगे।’
सहायता काफिले स्वेदा में प्रवेश कर गए, लेकिन तनाव बरकरार है।
बेदुइनों की वापसी से इलाके में शांति आई और मानवीय सहायता काफिले वहां पहुंचे। सीरियाई रेड क्रीसेंट ने रविवार को कहा कि उसने भोजन, दवा, पानी, ईंधन और अन्य सहायता से भरे 32 ट्रक भेजे हैं, क्योंकि लड़ाई के कारण प्रांत में बिजली नहीं है।
सीरिया की सरकारी समाचार एजेंसी साना ने बताया कि सहायता काफिला रविवार को स्वेदा में प्रवेश कर गया, लेकिन उसने ड्रूज आध्यात्मिक नेता शेख हिकमत अल-हिजरी और उनके सशस्त्र समर्थकों पर एक अन्य काफिले के साथ आए सरकारी प्रतिनिधिमंडल को वापस भेजने का आरोप लगाया।
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि प्रतिनिधिमंडल के साथ आए काफिले में स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय संगठनों द्वारा उपलब्ध कराई गई सहायता से भरी दो एम्बुलेंस थीं।
अल-हिजरी ने एक बयान में आरोपों का सीधे तौर पर जवाब नहीं दिया, लेकिन कहा कि वह स्वेदा के लिए किसी भी सहायता का स्वागत करते हैं।
बयान में कहा गया, ‘हम पुनः पुष्टि करते हैं कि हमारा किसी भी धार्मिक या जातीय आधार पर किसी के साथ कोई विवाद नहीं है। शर्म और अपमान उन सभी का जो युवाओं के मन में कलह और नफरत बोना चाहते हैं।’
संयुक्त राष्ट्र के अंतरराष्ट्रीय प्रवासन संगठन ने कहा कि झड़पों के दौरान 1,28,571 लोग विस्थापित हुए, जिनमें से 43,000 लोग शनिवार को विस्थापित हुए।
एपी
शुभम नरेश संतोष
संतोष