बालासोर, 20 जुलाई (भाषा) बालासोर में एक कॉलेज छात्रा की आत्मदाह से हुई मौत की जांच कर रही ओडिशा पुलिस की अपराध शाखा ने रविवार को कहा कि युवती ने खुद को आग लगा ली थी क्योंकि संस्थान की आंतरिक जांच समिति ने यौन उत्पीड़न की उसकी शिकायत को ‘‘सत्य’’ नहीं माना था।
यहां संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, अपराध शाखा के महानिदेशक विनयतोष मिश्रा ने कहा कि उनके अधिकारियों को मामले में गवाहों के बयानों में विसंगतियां मिलीं।
अपराध शाखा के महानिदेशक ने कहा, ‘‘कॉलेज प्रशासन ने छात्रा की शिकायत पर कार्रवाई की थी और एक आंतरिक जांच भी की गई थी। लेकिन आंतरिक जांच समिति ने उसकी शिकायत को सत्य नहीं माना। छात्रा ने यह कदम अपनी शिकायत को मान्य न किए जाने की प्रतिक्रिया में उठाया।’’
शाखा की महिला एवं बाल अपराध इकाई (सीएडब्ल्यू एंड सीडब्ल्यू) फकीर मोहन (स्वायत्त) महाविद्यालय की छात्रा की मौत के मामले की जांच कर रही है।
बालासोर स्थित फकीर मोहन (स्वायत्त) कॉलेज की 20 वर्षीय छात्रा ने कथित तौर पर उसका यौन उत्पीड़न करने वाले एक प्रोफेसर के खिलाफ ‘‘कार्रवाई नहीं होने’’ के कारण आत्मदाह कर लिया था।
लगभग 60 घंटे तक जिंदगी और मौत के बीच जूझने के बाद सोमवार रात एम्स-भुवनेश्वर में छात्रा की मौत हो गई थी।
बालासोर जिला पुलिस से जांच का जिम्मा संभालने वाली अपराध शाखा ने 17 जुलाई को मामले की जांच शुरू की।
मिश्रा ने कहा, ‘‘हमें (कॉलेज की) आंतरिक शिकायत समिति और पुलिस को दिए गए गवाहों के बयानों और सोशल मीडिया पर उनके पोस्ट में विसंगतियां मिली हैं। उन्होंने घटना से पहले और बाद में अलग-अलग राय दी हैं। हर बयान का गहन विश्लेषण आवश्यक है और इसमें समय लगेगा। किसी निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए डिजिटल साक्ष्यों के आधार पर उचित विश्लेषण की आवश्यकता है।’’
भाषा शफीक देवेंद्र
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