27.9 C
Jaipur
Monday, September 1, 2025

कांग्रेस ने धारावी पुनर्विकास मास्टर प्लान लागू करने पर रोक लगाने की मांग की

Newsकांग्रेस ने धारावी पुनर्विकास मास्टर प्लान लागू करने पर रोक लगाने की मांग की

मुंबई, दो जून (भाषा) कांग्रेस ने सोमवार को धारावी बस्ती पुनर्विकास मास्टर प्लान पर रोक लगाने की मांग की और आरोप लगाया कि परियोजना को निवासियों से परामर्श किए बिना मंजूरी दी गई।

कांग्रेस की मुंबई इकाई की अध्यक्ष वर्षा गायकवाड़ ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मास्टर प्लान पर जन सुनवाई करने की अपील की। उन्होंने दावा किया कि एमआरटीपी अधिनियम के तहत अनिवार्य प्रावधानों की अनदेखी की गई और सरकार द्वारा एक पुराना अनुमोदन आदेश पारित किया गया।

गायकवाड़ ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘धारावी के लोग इस विध्वंस मॉडल की पोल खोलेंगे। यह विकास नहीं, बल्कि एक सुनियोजित बड़ा घोटाला है। यह भारत के शहरी इतिहास में सबसे अन्यायपूर्ण विस्थापन मास्टर प्लान है।’’

उन्होंने दावा किया कि सरकार ने अधिकतर निवासियों के विरोध को नजरअंदाज कर दिया और सार्वजनिक संवाद, चर्चा एवं भागीदारी के सभी विकल्पों को खारिज कर दिया।

कांग्रेस नेता ने पूछा, ‘‘यह परियोजना, जो धारावी के लाखों निवासियों के भाग्य का निर्धारण करेगी, बिना किसी सार्वजनिक परामर्श या परियोजना-प्रभावित लोगों को विश्वास में लिए कैसे स्वीकृत की जा सकती है?’’

उन्होंने कहा कि विकास योजना के मसौदे पर जनता के सुझाव और आपत्तियां लेना एमआरटीपी (एकाधिकार और प्रतिबंधात्मक व्यापार व्यवहार) अधिनियम के तहत एक अनिवार्य प्रक्रिया है।

कांग्रेस सांसद गायकवाड़ ने कहा, ‘‘तो इस प्रक्रिया को छोड़कर एक पुराना अनुमोदन आदेश क्यों पारित किया जा रहा है? क्या यह धोखाधड़ी नहीं है? क्या यह विश्वासघात नहीं है।’’

गायकवाड़ ने दावा किया कि व्यवहार्यता अध्ययन अभी तक पूरा नहीं हुआ है और एक भी सार्वजनिक परामर्श बैठक नहीं हुई है।

See also  NPHRS Tokyo Regional Meet 2025 at Bharat Mandapam concludes with Provisional Fellowship Honors & launch of MARS Helpline

उन्होंने कहा, ‘‘तो मास्टर प्लान कैसे तैयार किया गया? किस आंकड़े के आधार पर? किसके निर्देश पर? सर्वेक्षण प्रक्रिया को ही बहुत ही अपारदर्शी तरीके से अंजाम दिया जा रहा है। स्थापित नियमों के अनुसार, ऐसी परियोजनाओं में पात्रता सर्वेक्षण प्रक्रिया सरकारी एजेंसियों (भूमि-स्वामित्व वाली सरकारी एजेंसियों) द्वारा की जाती है, लेकिन यहां निजी हितधारकों ने डीआरपी के लिए सर्वेक्षण किया।’’

उन्होंने आरोप लगाया कि इस सर्वेक्षण में भाग लेने के लिए धारावी के लोगों को धमकाया गया।

भाषा शफीक माधव

माधव

Check out our other content

Check out other tags:

Most Popular Articles