25.4 C
Jaipur
Tuesday, September 2, 2025

तमिलनाडु: अन्ना विश्वविद्यालय यौन उत्पीड़न मामले में अभियुक्त को आजीवन कारावास की सजा

Newsतमिलनाडु: अन्ना विश्वविद्यालय यौन उत्पीड़न मामले में अभियुक्त को आजीवन कारावास की सजा

चेन्नई, दो जून (भाषा) चेन्नई की एक महिला अदालत ने पिछले साल दिसंबर में अन्ना विश्वविद्यालय परिसर में एक छात्रा का यौन उत्पीड़न करने के जुर्म में अभियुक्त ज्ञानशेखरन को सोमवार को बिना किसी छूट के कम से कम 30 साल के आजीवन कारावास की सजा सुनाई।

महिला अदालत की न्यायाधीश एम. राजलक्ष्मी ने 28 मई को ज्ञानशेखरन को मामले में दोषी ठहराया था। न्यायाधीश राजलक्ष्मी ने बलात्कार के जुर्म में उसे कम से कम 30 साल की उम्रकैद की सजा सुनायी। उसे यह सजा भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 64 (1) के तहत सुनायी गयी है।

अदालत ने उस पर कुल 90,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है।

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने कहा कि बहुत कड़ी सज़ा सुनिश्चित की गई है। उन्होंने अदालत को धन्यवाद दिया और फैसले का स्वागत किया।

मुख्यमंत्री ने याद दिलाया कि हाल में सरकार ने यौन अपराधियों के लिए छूट को खारिज करते हुए संशोधन किए थे। मुख्यमंत्री का कहना था कि इस मामले में, अदालत ने छूट की गुंजाइश के बिना सज़ा सुनाई और पुलिस विभाग की सराहना की।

उन्होंने कहा कि इस मामले में भी राजनीतिक लाभ लेने की कुछ लोगों की सोच को चकनाचूर कर दिया गया है।

अदालत ने अभियोजन पक्ष द्वारा ज्ञानशेखरन के खिलाफ साबित किए गए प्रत्येक 11 आरोपों के संबंध में सजाएं सुनाई जो साथ-साथ चलेंगी।

न्यायाधीश ने ज्ञानशेखरन को बीएनएस की धारा 87 (गलत इरादे से किसी व्यक्ति का अपहरण) के तहत 10 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई।

सजा का स्वागत करते हुए, विपक्षी दल ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) के महासचिव और विपक्ष के नेता एडप्पादी के पलानीस्वामी ने आरोप लगाया कि ‘स्टालिन मॉडल सरकार’ ने ‘द्रमुक समर्थक ज्ञानशेखरन’ को बचाने की कोशिश की और यह अन्नाद्रमुक ही थी जिसने न्याय के लिए अपने संघर्ष से ऐसे प्रयासों को विफल कर दिया और अपराधी के लिए सजा सुनिश्चित की।

See also  Bisleri International Signs Letter of Agreement with St Joseph University for its Flagship Plastic Recycling Initiative, 'Bottles for Change'

अन्नाद्रमुक ने कहा कि यदि इसमें अन्य लोग शामिल पाए गए तो वह 2026 में विधानसभा चुनाव के बाद सरकार बनाने के बाद पार्टी उन पर कार्रवाई करेगी।

ज्ञानशेखरन को अन्य संबंधित कानूनी प्रावधानों के तहत भी सजा सुनायी गयी है। उसे दोषी ठहराते हुए अदालत ने माना कि दिसंबर 2024 में तमिलनाडु को झकझोर देने वाले इस यौन उत्पीड़न मामले को अभियोजन पक्ष ने संदेह से परे जाकर साबित किया।

न्यायाधीश राजलक्ष्मी ने ज्ञानशेखरन को दोषी ठहराते हुए कहा कि उसने यह दावा किया था कि वह परिवार में कमाने वाला एकमात्र व्यक्ति है और इस आधार पर उसने अदालत से सजा में नरमी बरतने का अनुरोध किया था लेकिन अभियोजन ने इसका विरोध किया और अधिकतम सजा की मांग की।

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष एन. नागेंद्रन ने कहा कि अभियुक्त को अदालत द्वारा ‘उचित सजा’ सुनायी गयी है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के सेल्वापेरुन्थगई, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के प्रदेश सचिव पी षणमुगम, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के प्रदेश सचिव आर मुथरासन उन नेताओं में शामिल थे जिन्होंने सजा का स्वागत किया।

एमएनएम प्रमुख और अभिनेता कमल हासन ने कहा कि इस सजा से यह विश्वास पैदा हुआ है कि महिलाओं के खिलाफ अपराधों के लिए सबसे कड़ी सजा दी जाएगी।

सत्तारूढ़ द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के साथ आरोपी के कथित संबंधों को लेकर तमिलनाडु में इस सनसनीखेज मामले के कारण राजनीतिक विवाद पैदा हो गया था। हालांकि पार्टी अध्यक्ष और मुख्यमंत्री स्टालिन ने जनवरी में कहा था कि ज्ञानशेखरन द्रमुक का सदस्य नहीं था, वह केवल पार्टी के प्रति झुकाव रखता था और इसका समर्थक था।

See also  गोपाल खेमका हत्या मामले में दो व्यक्ति पकड़े गए

मामला तब प्रकाश में आया जब पीड़िता ने पिछले साल 23 दिसंबर को कोट्टूरपुरम के महिला थाने में शिकायत दर्ज कराई।

भाषा राजकुमार अविनाश

अविनाश

Check out our other content

Check out other tags:

Most Popular Articles