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Tuesday, September 2, 2025

कर्नाटक: दक्षिण कन्नड़ से तड़ीपार करने के लिये 36 लोगों की पहचान की गई

Newsकर्नाटक: दक्षिण कन्नड़ से तड़ीपार करने के लिये 36 लोगों की पहचान की गई

मंगलुरु (कर्नाटक) दो जून (भाषा) दक्षिण कन्नड़ जिला पुलिस ने जिला प्रशासन के साथ समन्वय करके सांप्रदायिक अपराधों और सार्वजनिक शांति एवं व्यवस्था को खतरा पहुंचाने वाली गतिविधियों में बार-बार शामिल होने वाले 36 व्यक्तियों की पहचान की है, जिन्हें जिले की सीमा से बाहर निकाला जाएगा। आधिकारिक सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि जिले के विभिन्न थानों ने आपराधिक इतिहास और सांप्रदायिक दंगों में संलिप्तता के आधार पर इन व्यक्तियों को चिन्हित किया है।

सूत्रों के अनुसार बंटवाल ग्रामीण, बंटवाल टाउन, विट्ला, पुत्तूर टाउन और ग्रामीण, उप्पिनंगडी, पुंजालकट्टे, बेल्थांगडी, सुल्लिया और बेल्लारी क्षेत्राधिकार के तहत पुलिस स्टेशनों से निष्कासन के लिए सिफारिशें भेजी गई हैं।

कर्नाटक पुलिस अधिनियम के तहत जिलाबदर करने की प्रक्रिया आमतौर पर उन आदतन अपराधियों के खिलाफ शुरू की जाती है जिनकी उपस्थिति कानून और व्यवस्था के लिए हानिकारक मानी जाती है।

पुलिस की सूची के अनुसार जिन 36 व्यक्तियों को जिले भर के विभिन्न पुलिस थाना क्षेत्रों से जिला बदर करने की प्रक्रिया प्रारंभ की गयी है, उनमें हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदायों के लोग शामिल हैं। इन लोगों में बीस से लेकर पचास साल की उम्र के लोग शामिल हैं।

जिले के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘जिन लोगों को चिन्हित किया गया है, उनका बार-बार सांप्रदायिक अपराध करने का रिकॉर्ड है, और निष्कासन का प्रस्ताव आगे की कानूनी प्रक्रिया के लिए उपायुक्त को भेज दिया गया है।’

उन्होंने कहा कि सूची में वे लोग शामिल हैं, जिन्हें सांप्रदायिक हिंसा, गैरकानूनी जमावड़ा और शांति भंग करने के मामलों में पहले गिरफ्तार किया जा चुका है या जिनके खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया जा चुका है।

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उन्होंने कहा कि कई लोग आदतन अपराधी माने जाते हैं, जिन पर लगातार पुलिस की नजर रहती है।

अधिकारी के अनुसार, एक बार निष्कासन स्वीकृत हो जाने के बाद, इन लोगों को एक निश्चित अवधि, आमतौर पर छह महीने से एक साल तक के लिए जिले में प्रवेश करने से रोक दिया जाएगा।

उन्होंने कहा, ‘यह उपाय निवारक प्रकृति का है, जिसका उद्देश्य सांप्रदायिक तनाव की पुनरावृत्ति को रोकना है, खासकर संवेदनशील क्षेत्रों में।’

जिले के कुछ हिस्सों में सांप्रदायिक ध्रुवीकरण को लेकर बढ़ती चिंताओं की पृष्ठभूमि में यह कदम उठाया गया है, जहां पिछले कुछ वर्षों में बार-बार तनाव की स्थिति बनी है।

भाषा, इन्दु प्रशांत जोहेब

जोहेब

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