नयी दिल्ली, चार जून (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने विमान में एक महिला सहयात्री को घूरने के आरोपी एक व्यक्ति के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को दोनों पक्षों के बीच सुलह समझौता हो जाने के बाद निरस्त कर दिया।
न्यायमूर्ति रवीन्द्र डुडेजा ने कहा कि दोनों पक्ष समझौते पर पहुंच गए हैं तथा विवाद को लंबा खींचने से कोई लाभ नहीं होगा।
शिकायतकर्ता ने अदालत के समक्ष पुष्टि की कि उसने याचिकाकर्ता के साथ बिना किसी बल, भय, दबाव के मामले को सुलझा लिया है और यदि ‘‘महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने संबंधी ‘‘शब्द, इशारा या कृत्य का प्रयोग करने या उसमें लिप्त होने’’ के अपराध के लिए दर्ज प्राथमिकी को रद्द कर दिया जाता है, तो उसे कोई आपत्ति नहीं है।
अदालत ने 30 मई को कहा, ‘‘तथ्य यह है कि पक्षों ने मामले को सुलझा लिया है, इसलिए आईजीआई हवाई अड्डा थाने में भारतीय दंड संहिता की धारा 509 के तहत दर्ज वर्तमान प्राथमिकी और अन्य सभी कार्यवाही को जारी रखने से कोई उद्देश्य पूरा नहीं होगा।’’
परिणामस्वरूप, अदालत ने प्राथमिकी निरस्त कर दी।
महिला ने आरोप लगाया था कि पिछले साल 28 मई को इंदौर से दिल्ली की उड़ान के दौरान याचिकाकर्ता उसे लगातार घूरता रहा जिससे उसे काफी असहज स्थिति का सामना करना पड़ा।
उसने कहा कि विमान उतरने के बाद उसने पुलिस में लिखित शिकायत दर्ज कराई।
दिल्ली पुलिस के वकील ने कहा कि समझौते के मद्देनजर अगर प्राथमिकी और आरोपपत्र रद्द कर दिया जाता है तो कोई आपत्ति नहीं है।
भाषा नेत्रपाल नरेश
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