मुंबई, चार जून (भाषा) बिहार में शादी के लिए माता-पिता द्वारा कैद में रखी गई युवती ने बुधवार को बंबई उच्च न्यायालय से कहा कि वह अपने परिवार के किसी भी हस्तक्षेप के बिना पुणे में अकेले रहना और काम करना चाहती है।
युवती के दोस्त ने उच्च न्यायालय में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की थी। याचिका में दावा किया गया था कि युवती को बिहार में रहने वाले उसके परिवार ने उस समय कैद कर लिया था, जब वह पिछले महीने एक समारोह में शामिल होने के लिए अपने घर गई थी।
युवती ने मदद के लिए अपने दोस्त को संदेश भेजा और कहा कि उसके माता-पिता ने उसके साथ मारपीट की तथा उसे उसकी इच्छा के खिलाफ शादी करने के लिए धमकाया।
युवती पुणे में रियल एस्टेट क्षेत्र में काम करती है।
अदालत के 29 मई के आदेश के अनुपालन में पुणे पुलिस ने युवती को बिहार में खोज निकाला और बुधवार को उसे न्यायमूर्ति नीला गोखले तथा न्यायमूर्ति फिरदौस पूनीवाला की अवकाशकालीन पीठ के समक्ष पेश किया।
युवती से बात करने के बाद पीठ ने कहा कि वह (युवती) अपनी मर्जी से पुणे में रह रही है और काम कर रही है तथा उसने स्पष्ट रूप से कहा है कि वह अपने माता-पिता से दूर अकेले रहना चाहती है।
पीठ ने इसी के साथ याचिका का निपटारा कर दिया।
भाषा पारुल सुरेश
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