मुंबई, छह जून (भाषा) आर्थिक विकास की गति में इजाफा करने के मकसद से रेपो दर में 0.50 प्रतिशत की बड़ी कटौती करने के रिजर्व बैंक के ऐलान से शुक्रवार को अंतर-बैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 11 पैसे मजबूत होकर 85.68 पर बंद हुआ।
विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि रिजर्व बैंक द्वारा ब्याज दरों में भारी कटौती से बाजार हतप्रभ रह गया। इससे रुपया स्थिर से सकारात्मक रुख पर कारोबार करने लगा। इसके अलावा, नकद-आरक्षित अनुपात (सीआरआर) में भी एक प्रतिशत की कटौती करने की घोषणा की गई है।
इसके अलावा, घरेलू बाजारों में तेजी ने भी रुपये को निचले स्तरों पर समर्थन दिया। दोनों मानक सूचकांक एक प्रतिशत से अधिक की बढ़त के साथ बंद हुए।
अंतरबैंक विदेशीमुद्रा विनिमय बाजार में रुपये में भारी उतार चढ़ाव देखा गया। रुपया अपने पिछले बंद भाव से 12 पैसे की गिरावट के साथ 85.91 पर खुला, लेकिन जल्द ही यह नुकसान कम हो गया और डॉलर के मुकाबले 85.66 के शुरुआती उच्च स्तर पर पहुंच गया।
शुक्रवार के कारोबार के दौरान, रुपये ने 86 के निचले स्तर को भी देखा और अंत में पिछले बंद भाव से 11 पैसे की बढ़त के साथ 85.68 पर बंद हुआ।
बृहस्पतिवार को रुपया आठ पैसे चढ़कर 85.79 प्रति डॉलर के भाव पर बंद हुआ था।
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ शोध विश्लेषक दिलीप परमार ने कहा, ‘‘रिजर्व बैंक द्वारा आश्चर्यजनक रूप से 50 आधार अंकों की दर कटौती से उत्साहित होकर रुपया, अन्य एशियाई मुद्राओं में सबसे आगे रहा। इस निर्णायक, विकास-संचालित नीतिगत कदम ने रुपये को महत्वपूर्ण बढ़ावा मिला और घरेलू शेयर निवेशकों के बीच आशावाद को बढ़ावा दिया।’’
उन्होंने कहा कि हालांकि, डॉलर इंडेक्स में उछाल और क्षेत्रीय मुद्राओं में कमजोरी रुपये की आगे की बढ़त को रोक सकती है। ‘‘तकनीकी दृष्टिकोण से, डॉलर-रुपया को 85.20 पर समर्थन मिल सकता है और 86.10 पर प्रतिरोध का सामना करना पड़ सकता है।’’
बृहस्पतिवार को रुपये ने अपनी दो दिन की गिरावट का सिलसिला तोड़ दिया और अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 8 पैसे बढ़कर 85.79 पर बंद हुआ।
इस बीच, विश्व की छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले डॉलर की मजबूती को मापने वाला डॉलर सूचकांक 0.25 प्रतिशत बढ़कर 98.98 पर पहुंच गया।
वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा कारोबार में 0.26 प्रतिशत गिरकर 65.17 डॉलर प्रति बैरल रह गया।
मिराए एसेट शेयरखान के शोध विश्लेषक अनुज चौधरी ने कहा, ‘‘रिजर्व बैंक द्वारा ब्याज दर में और कटौती करने से रुपये पर दबाव पड़ सकता है। हालांकि, घरेलू बाजारों में सकारात्मक रुख से निचले स्तरों पर घरेलू मुद्रा को समर्थन मिल सकता है। निवेशक अब अमेरिका से गैर-कृषि पेरोल रिपोर्ट पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं। डॉलर-रुपये की हाजिर कीमत 85.40 से 86.25 के बीच रहने की उम्मीद है।’’
घरेलू शेयर बाजार के मोर्चे पर बीएसई सेंसेक्स 746.95 अंक बढ़कर 82,188.99 पर बंद हुआ, जबकि एनएसई निफ्टी 252.15 अंक बढ़कर 25,003.05 पर बंद हुआ।
एक्सचेंज के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) पूंजी बाजार में शुद्ध लिवाल रहे। उन्होंने शुक्रवार को शुद्ध आधार पर 1,009.71 करोड़ रुपये की शेयरों की खरीद की।
भाषा राजेश राजेश पाण्डेय
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