हैदराबाद, 11 जून (भाषा) भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के अध्यक्ष और तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव बुधवार को कालेश्वरम परियोजना में कथित अनियमितताओं की जांच कर रहे न्यायिक आयोग के समक्ष पेश हुए।
इस सिंचाई परियोजना पर अमल बीआरएस सरकार के दौरान हुआ था।
चंद्रशेखर राव पूर्वाह्न करीब 11 बजे आयोग के कार्यालय पहुंचे और अपना बयान दर्ज कराने के बाद अपराह्न एक बजे वहां से चले गए।
राव को केसीआर के नाम से भी जाना जाता है। सूत्रों के मुताबिक केसीआर ने अन्य बातों के अलावा कालेश्वरम लिफ्ट सिंचाई परियोजना शुरू करने के पीछे का उद्देश्य पेयजल और सिंचाई के लिए पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करना बताया।
उन्होंने बताया कि बयान लेने का काम करीब 50 मिनट तक चला और यह आमने-सामने की बातचीत थी तथा आयोग का एक कर्मचारी भी मौजूद था।
इस बीच, राज्य के राजस्व मंत्री पोंगुलेटी श्रीनिवास रेड्डी ने संवाददाताओं से कहा कि उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश पी सी घोष की अध्यक्षता वाले न्यायिक आयोग द्वारा अपनी रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद कानून अपना काम करेगा।
केसीआर की मौजूदगी के मद्देनजर बीआरएस के कई नेता और कार्यकर्ता यहां बरगुला रामकृष्ण राव भवन में एकत्र हुए, जहां आयोग का कार्यालय स्थित है। केसीआर के पूछताछ के लिए पहुंचने के मद्देनजर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे।
आयोग ने अपनी जांच शुरू होने के बाद से पिछले एक साल में कई अभियंताओं और अन्य अधिकारियों, विशेषकर सिंचाई विभाग के अधिकारियों से पूछताछ की है।
केसीआर के भतीजे और बीआरएस विधायक टी हरीश राव, जो बीआरएस सरकार में सिंचाई मंत्री थे, नौ जून को समिति के समक्ष पेश हुए।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लोकसभा सदस्य एटाला राजेंद्र से भी छह जून को आयोग ने पूछताछ की थी। वह पूर्ववर्ती बीआरएस सरकार में वित्त मंत्री थे।
केसीआर की पेशी से पहले पत्रकारों से बातचीत के दौरान उनके (चंद्रशेखर राव के) बेटे और बीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष के टी रामा राव ने दावा किया कि उनके पिता को आयोग के सामने पेश होने के लिए जारी किया गया नोटिस तेलंगाना की कांग्रेस सरकार द्वारा केवल उत्पीड़न और राजनीतिक प्रतिशोध है। उन्होंने कहा कि अंत में सत्य की जीत होगी।
मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी पर निशाना साधते हुए के टी रामा राव ने कहा कि लोगों को केसीआर को परेशान करने का जवाब जरूर मिलेगा। उन्होंने कहा, “केसीआर ने तेलंगाना को कृषि क्षेत्र में इतना आगे बढ़ाया कि आज यह पंजाब और हरियाणा जैसे राज्यों को भी पीछे छोड़ चुका है।”
राज्य में 2023 के विधानसभा चुनावों के दौरान कालेश्वरम परियोजना के बैराज को हुई क्षति एक प्रमुख मुद्दा बन गयी थी।
तेलंगाना के सिंचाई मंत्री एन उत्तम कुमार रेड्डी ने हाल ही में कहा था कि राष्ट्रीय बांध सुरक्षा प्राधिकरण (एनडीएसए) ने एक लाख करोड़ रुपये से अधिक की लागत से निर्मित कालेश्वरम परियोजना को ‘‘संभवतः’’ देश की सबसे बड़ी मानव निर्मित आपदा करार दिया है।
मेडिगड्डा बैराज के कुछ हिस्सों के 2023 में ‘डूबने’ की सत्तारूढ़ कांग्रेस की आलोचना का जिक्र करते हुए हरीश राव ने कहा था कि कालेश्वरम परियोजना में कई अन्य हिस्से शामिल हैं और वे सभी बरकरार हैं।
भाषा धीरज संतोष
संतोष