11.6 C
Jaipur
Wednesday, December 10, 2025

असम मवेशी संरक्षण अधिनियम को सख्ती से लागू किया जाएगा: हिमंत विश्व शर्मा

Newsअसम मवेशी संरक्षण अधिनियम को सख्ती से लागू किया जाएगा: हिमंत विश्व शर्मा

(तस्वीर के साथ)

गुवाहाटी, 20 जून (भाषा) मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने शुक्रवार को कहा कि धर्मस्थलों के पांच किलोमीटर के दायरे में ‘बीफ’ के बेचने और उपभोग को रोकने के लिए सभी जिलों में असम मवेशी संरक्षण अधिनियम को सख्ती से लागू किया जाएगा।

शर्मा ने यहां प्रेसवार्ता में कहा, ‘‘हाल में ईद के त्योहार के दौरान मंदिरों और अन्य उपासना स्थलों के पांच किलोमीटर के दायरे में प्रतिबंध के बावजूद ‘बीफ’ की बिक्री और खपत एक बहुत ही गंभीर मामला है। इस संबंध में, हम असम मवेशी संरक्षण अधिनियम, 2021 के तहत सख्त कार्रवाई करेंगे।’’

उन्होंने कहा कि इस वर्ष ईद-उल-अजहा त्योहार के बाद यह देखा गया है कि धुबड़ी, ग्वालपाड़ा और होजाई जैसे संवेदनशील जिलों के कुछ इलाकों में मंदिरों और प्रार्थना स्थानों के पास पशु अवशेष खासकर खोपड़ी फेंककर अशांति पैदा करने के कई प्रयास किए गए हैं।

शर्मा ने कहा कि यह देखा गया है कि ये घटनाएं उन इलाकों के पास हुई हैं जहां ईद के दौरान ‘बीफ’ का सेवन आम बात है और ये सभी चीजें धर्मस्थलों के पांच किलोमीटर के दायरे के प्रतिबंधित क्षेत्र में हुईं।

उन्होंने कहा, ‘‘यह असम मवेशी संरक्षण अधिनियम का स्पष्ट उल्लंघन है, जिसमें स्पष्ट रूप से कहा गया है कि धर्मस्थल के पांच किलोमीटर के दायरे में गोमांस का उपभोग या विक्रय और वितरण प्रतिबंधित है। संबंधित जिला प्रशासन ने इस प्रावधान को सख्ती से लागू नहीं किया, जिसके कारण यह स्थिति पैदा हुई।’’

मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर लोगों को पांच किलोमीटर के प्रतिबंध के बारे में पता होता, तो इन घटनाओं से बचा जा सकता था।

उन्होंने कहा, ‘‘मैंने सभी जिला आयुक्तों को इस अधिनियम को सख्ती से लागू करने और यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि प्रतिबंधित क्षेत्र में मवेशियों का वध, उनके मांस का विक्रय या उपभोग प्रतिबंधित हो।’’

मुख्यमंत्री का कहना था कि लखीमपुर और ग्वालपाड़ा जिले के लखीपुर जैसे स्थानों में, यह देखा गया है कि ये घटनाएं आदिवासी क्षेत्र और ग्राम चारागाह क्षेत्र (वीजीआर) और ‘प्रोफेशनल ग्राज़िंग रिजर्व (पीजीआर)‘ के रूप में वर्गीकृत क्षेत्रों में हुई हैं, जहां कई मामलों में लोगों ने अवैध रूप से ज़मीन पर कब्ज़ा कर लिया है।

शर्मा ने कहा, ‘‘विधानसभा में विपक्ष के नेता ने भी कहा था कि एक निश्चित वर्ष के बाद आए प्रवासी कानूनी रूप से जमीन पर कब्ज़ा नहीं कर सकते या उस पर अपना दावा नहीं कर सकते। मैंने जिला आयुक्तों और अतिरिक्त जिला आयुक्तों को इन क्षेत्रों में एक सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया है ताकि उन लोगों की पहचान की जा सके जिनके परिवार कम से कम तीन पीढ़ियों से असम में नहीं रह रहे हैं । मैंने उनसे कहा है कि वे आदिवासी क्षेत्र, ब्लॉक या वीजीआर/पीजीआर खासकर संवेदनशील क्षेत्रों में रहने वाले सभी लोगों की सूची तैयार करें,जो हमें आवश्यक कानूनी कार्रवाई करने में मदद करेंगे।’’

बुधवार को लखीमपुर जिले में एक ‘नामघर’ (प्रार्थना कक्ष) से ​​लगभग 30 मीटर की दूरी पर तीन गायों की खोपड़ियों की कथित बरामदगी के बाद सात लोगों को गिरफ्तार किया गया था।

भाषा राजकुमार धीरज

धीरज

Check out our other content

Check out other tags:

Most Popular Articles