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Thursday, September 4, 2025

दिल्ली के इमारत में लगी आग से बचने के लिए बालकनी से कूदना ही एकमात्र रास्ता था :जीवित बचे लोग

Newsदिल्ली के इमारत में लगी आग से बचने के लिए बालकनी से कूदना ही एकमात्र रास्ता था :जीवित बचे लोग

नयी दिल्ली, 25 जून (भाषा) दिल्ली के रोहिणी स्थित इमारत में लगी आग 14 घंटे तक भड़की रही, जिसके बाद आसमान में धुएं का घना गुबार छा गया और लोग मदद के लिए चिल्लाने लगे। कुछ लोग आग से बचने के लिए ऊपरी मंजिलों से कूदने लगे।

रोहिणी के रिठाला इलाके में मंगलवार शाम को विनिर्माण की कई इकाइयों वाली इमारत में लगी आग में चार लोगों की मौत हो गई जबकि तीन अन्य घायल हो गए।

अधिकारियों के अनुसार, बुधवार सुबह करीब 10 बजे आग पर काबू पा लिया गया।

इस घटना में वीरेंद्र (25) के दोनों पैर झुलस गए और उसे बीएसए अस्पताल ले जाया गया। वीरेंद्र ने बताया कि जब आग लगी तो वह भूतल पर एक मशीन से काम कर रहा था।

उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘आग लगते ही हम अपनी जान बचाने के लिए भागे। यह सब इतना अचानक हुआ कि हम कुछ समझ ही नहीं पाए। हम बस मुख्य द्वार से बाहर भागे, जो बाहर निकलने का एकमात्र रास्ता था।’’

उत्तर प्रदेश के वाराणसी का रहने वाला वीरेंद्र पिछले डेढ़ साल से फैक्टरी में काम कर रहा है।

इस घटना में जीवित बची गीता उस समय इमारत पर ही थी और वह वहीं काम करती थी।

गीता ने कहा, ‘‘हमने धुआं देखा, लोगों को चिल्लाते सुना और बस भाग गए।’’

उसने बताया, ‘‘मैंने पहली मंजिल की बालकनी से छलांग लगा दी, यही बाहर निकलने का एकमात्र रास्ता था। आग के कारण मुख्य प्रवेश द्वार बंद हो गया था।’’

गीता के साथ उसी इकाई में काम करने वाले विनोद कुमार ने दावा किया कि आग भूतल पर लगी थी।

इमारत की दूसरी मंजिल पर काम करने वाली एक अन्य जीवित बची संजू ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि वहां से बाहर निकलने के लिए केवल एक ही द्वार था और उसे खुद को बचाने के लिए बगल की बालकनी पर कूदना पड़ा।

यहां के एक स्थानीय व्यक्ति ने दावा किया कि आग 14 घंटे तक भड़की रही।

अधिकारियों ने बताया कि आग लगने का कारण अभी ज्ञात नहीं है और इस संबंध में जांच की जा रही है।

भाषा यासिर रंजन

रंजन

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