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Wednesday, September 3, 2025

दीघा रथयात्रा : रथ खींचने के लिए श्रद्धालुओं को सड़क पर नहीं जाने दिया जाएगा

Newsदीघा रथयात्रा : रथ खींचने के लिए श्रद्धालुओं को सड़क पर नहीं जाने दिया जाएगा

दीघा, 26 जून (भाषा) पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बृहस्पतिवार को कहा कि शुक्रवार को यहां नवनिर्मित जगन्नाथ मंदिर से शुरू होने वाली भव्य रथ यात्रा में शामिल होने वाले श्रद्धालुओं को एक किलोमीटर के जुलूस मार्ग पर बैरिकेड्स के पीछे खड़ा होना होगा और उन्हें देवताओं के रथों की रस्सियों को खींचने के लिए सड़कों पर आने की अनुमति नहीं होगी।

शुक्रवार के उत्सव की योजना बनाने और उसकी देखरेख करने के लिए दीघा शंकरपुर विकास प्राधिकरण (डीएसडीए) के अधिकारियों, वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों और दीघा में इस्कॉन के संन्यासियों के साथ एक उच्च-स्तरीय बैठक के तुरंत बाद ममता ने कहा कि तीर्थयात्रियों को रथ की रस्सियों को छूने का अवसर मिलेगा, जिन्हें बैरिकेड्स के साथ रखा जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘हम श्रद्धालुओं को रथ खींचने के लिए सड़कों पर उतरने की अनुमति नहीं दे सकते, क्योंकि इससे अराजकता हो सकती है, लेकिन उन्हें बैरिकेड्स के पीछे से उन रस्सियों को छूने का अवसर मिलेगा।’’

अधिकारियों ने बताया कि रथयात्रा दोपहर 2.30 बजे शुरू होगी, हालांकि मंदिर में अनुष्ठान सुबह नौ बजे से ही शुरू हो जायेंगे।

उन्होंने बताया कि धीमी गति से चलने वाले रथों को अपने गंतव्य तक पहुंचने में लगभग दो घंटे लगेंगे, जो लगभग एक किलोमीटर दूर है। इससे उन श्रद्धालुओं को लाभ होगा, जो रथयात्रा की एक झलक पाने और इसमें शामिल होने के लिए बड़ी संख्या में यहां एकत्र होंगे।

डीएसडीए के एक अधिकारी ने बताया कि उत्सव की तैयारियों का जायजा लेने बुधवार को दीघा पहुंचीं ममता ने मंदिर के पास रखे भगवान जगन्नाथ और उनके भाई-बहन के लिए रखे तीन रथों का निरीक्षण किया। उन्होंने डीएसडीए अधिकारियों और पुलिस कर्मियों के साथ यात्रा मार्ग की समीक्षा भी की।

मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य और अन्य गणमान्य व्यक्तियों की मौजूदगी में उन्हें पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) राजीव कुमार से यह कहते हुए सुना गया कि ‘इस मार्ग का अनुसरण करें। लोगों के लिए सब कुछ सुचारू और ठीक तरह से होना चाहिए।’

पूर्वी मेदिनीपुर जिले के समुद्र तटीय रिसॉर्ट शहर दीघा को समारोह से पहले अच्छी तरह सजाया गया है, जहां मंदिर थीम वाले कटआउट, देवी-देवताओं की विशाल प्रतिमाएं और चंद्रनगर के कलाकारों द्वारा डिजाइन की गई रोशनी की झालरें लगाई गई हैं।

कोलकाता से शहर तक राष्ट्रीय राजमार्ग के पूरे 180 किलोमीटर हिस्से पर भगवान जगन्नाथ की छवि वाले केसरिया झंडे और ‘जगन्नाथ धाम में आपका स्वागत है’, लिखे बैनर लगे हुए हैं।

हजारों श्रद्धालु पहले ही दीघा पहुंच चुके हैं। लाउडस्पीकर पर भगवान जगन्नाथ के भक्ति गीत लगातार बज रहे हैं।

इस बीच, सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘प्रतीक्षा समाप्त हुई, दिव्य दर्शन शुरू हो गए हैं। नेत्रोत्सव के इस पवित्र दिन पर, श्रद्धालु खुशी मनाते हैं, क्योंकि देवता अपनी पूरी महिमा में प्रकट होते हैं। जय जगन्नाथ।’’

इस्कॉन के उपाध्यक्ष राधारमण दास ने कहा कि 30 अप्रैल को मंदिर के उद्घाटन के बाद से अब तक लगभग 30 लाख लोग दर्शन कर चुके हैं और रथयात्रा के दिन भी लाखों लोगों के आने की उम्मीद है।

दास ने बताया कि मुख्यमंत्री 27 जून को रथयात्रा में हिस्सा लेंगी।

इससे पहले ममता ने वहां मौजूद पत्रकारों को बताया कि शुक्रवार को दोपहर 2:30 बजे तीनों रथ निकाले जाएंगे और यात्रा शाम चार बजे तक रथयात्रा पूरी हो जाएगी।

उन्होंने कहा, ‘‘आज शाम से पूजा-अर्चना शुरू हो जाएगी और कल सुबह 8:30 बजे से रथ खींचने की तैयारी शुरू हो जाएगी।’’

भाषा रंजन सुरेश

सुरेश

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